जापान ने अपने राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की बागडोर एक महिला नेता को सौंपी है. कड़े विचारों वाली और पूर्व आंतरिक मामलों की मंत्री साने ताकाइची ने पार्टी चुनाव में जीत दर्ज ली है. इस ऐतिहासिक जीत के साथ 64 वर्षीय ताकाइची जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं. उन्होंने कड़े मुकाबले में कृषि मंत्री शिंजीरो कोइजुमी को हराया और पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के इस्तीफे के बाद पार्टी की कमान संभाली.
यह जीत न केवल जापान की राजनीति में लैंगिक प्रतिनिधित्व के लिहाज से एक अच्छा है बल्कि देश की बदलती विचारधारा को भी दर्शाती है. हालांकि ताकाइची की छवि परंपरावादी विचारों की समर्थक की रही है फिर भी उनका नेतृत्व जापान को एक निर्णायक रूढ़िवादी राह पर ले जा सकता है.
साने ताकाइची के कॉलेज से राजनीति तक का सफर
साने ताकाइची का सफर अनोखा और प्रेरणादायक रहा है. कॉलेज के दिनों में वे हेवी मेटल ड्रम बजाने और मोटरसाइकिल चलाने की शौकीन थीं लेकिन आज वे जापान की सबसे सख्त और अनुशासित नेताओं में गिनी जाती हैं. 1993 में उन्होंने नारा से सांसद के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की और इसके बाद आंतरिक मामलों लैंगिक समानता और आर्थिक सुरक्षा जैसे अहम मंत्रालय संभाले.
जापान की ‘आयरन लेडी’
ताकाइची को उनके स्पष्ट विचारों और सख्त रवैये के चलते ‘जापान की आयरन लेडी’ भी कहा जाता है. वे ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर को अपनी प्रेरणा मानती हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे उनके राजनीतिक गुरु रहे हैं जिनकी अबेनॉमिक्स नीतियों, वित्तीय प्रोत्साहन और सशक्त रक्षा नीति का वे समर्थन करती हैं.
सख्त प्रवासन और रक्षा नीति
ताकाइची की जीत ऐसे समय में हुई है जब जापान में प्रवासन, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक अस्थिरता को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. उन्होंने चुनाव प्रचार में जापान की रक्षा क्षमता बढ़ाने परमाणु संलयन और साइबर सुरक्षा पर अनुसंधान को बढ़ावा देने, कड़े आप्रवासन कानून और अपराध नियंत्रण की वकालत की थी. वे जापान के शांतिवादी संविधान में संशोधन कर सेना को अधिक अधिकार देने की भी पक्षधर हैं.
हालांकि वे पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं लेकिन ताकाइची को नारीवादी नहीं माना जाता. वे पति-पत्नी को अलग उपनाम रखने की कानूनी अनुमति और समलैंगिक विवाह का विरोध करती हैं. विश्लेषकों का मानना है कि उनका शासन पारंपरिक लैंगिक भूमिकाओं को और सुदृढ़ कर सकता है हालांकि वे मंत्रिमंडल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात करती हैं.
ताकाइची की आर्थिक नीति और कार्य संस्कृति
ताकाइची खुद को वर्कहोलिक कहती हैं और उनका मंत्र है ‘वर्क, वर्क, वर्क एंड वर्क.’ उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ की अवधारणा को नहीं मानतीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उनकी आर्थिक योजना सरकारी खर्च बढ़ाकर विकास को गति देने की है, जिससे जापान वैश्विक आर्थिक अस्थिरता से निपट सके.
क्या होंगी ताकाइची के सामने चुनौतियां?
ताकाइची की लीडरशिप ऐसे समय में आई है जब एलडीपी घोटालों और महंगाई के चलते जनता के गुस्से का सामना कर रही है. उनकी कट्टर विचारधारा एलडीपी के गठबंधन सहयोगी कोमेटो पार्टी (जो एक उदार बुद्धिस्ट समर्थक पार्टी है) के साथ रिश्तों में खटास ला सकती है. साथ ही चीन और कोरिया के साथ राजनयिक संबंध भी तनावपूर्ण हो सकते हैं.
फिर भी एलडीपी के भीतर उन्हें मजबूत समर्थन प्राप्त है और राष्ट्रवादी मतदाताओं में उनकी लोकप्रियता भी काफी है. उनकी जीत जापान में राजनीतिक विचारधारा के दक्षिणपंथी झुकाव की पुष्टि करती है और महिला नेतृत्व के लिए भी यह एक ऐतिहासिक पल है.
















