World Lung Day 2025: महिलाओं में बिना धूम्रपान किए भी फेफड़ों की बीमारी का खतरा ज्यादा क्यों?

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World Lung Day 2025
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World Lung Day 2025: महिलाएं फेफड़ों की गंभीर बीमारियों जैसे COPD (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़) के प्रति पुरुषों की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक संवेदनशील हैं. यह खतरा केवल धूम्रपान करने वाली महिलाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि जिन महिलाओं ने कभी सिगरेट नहीं पी या कम पी हैं, उनमें भी यह जोखिम समान रूप से देखने को मिलता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह धारणा कि महिलाओं की संवेदनशीलता केवल सिगरेट के धुएं से होती है, पूरी तरह सही नहीं है. COPD जैसी क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारियों के कारण महिलाओं में सांस लेने में कठिनाई, सीमित वायु प्रवाह और समय के साथ बढ़ती गंभीर समस्याएं देखने को मिलती हैं.

महिलाओं में COPD का बढ़ता खतरा

डॉक्टर्स के अनुसार, जिन महिलाओं को COPD होता है, उनके लक्षण पुरुषों की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं. इसके पीछे महिलाओं की फेफड़ों और श्वसन तंत्र की सिगरेट धुएं या अन्य प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशीलता हो सकती है.

भारत जैसे देशों में यह समस्या अक्सर ग्रामीण घरों में अधिक देखने को मिलती है, जहां महिलाएं लकड़ी, कोयला या गाय के गोबर से बनने वाले ईंधन से खाना पकाने के दौरान धुएं के संपर्क में आती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यह धुआं रोजाना कई सिगरेट पीने के बराबर होता है. वहीं, शहरों में महिलाएं लगातार ट्रैफिक प्रदूषण और पैसिव स्मोक के संपर्क में रहती हैं.

खतरनाक साबित हो सकती है लक्षणों की अनदेखी

डॉक्टर्स का कहना है कि अधिकांश महिलाएं COPD या अन्य फेफड़ों की समस्याओं के शुरुआती लक्षणों की अनदेखी कर देती हैं. COPD जैसी बीमारियां शुरुआती चरण में अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के होती हैं. यदि आप सांस फूलना, लगातार खांसी या थकान जैसी समस्याओं को उम्र या कमजोरी का कारण मानते हैं और इलाज नहीं कराते, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है.

क्या है COPD?

COPD एक प्रकार की अपरिवर्तनीय फेफड़ों और वायुमार्ग की बीमारी है, जो आपके वायुमार्ग को अवरुद्ध कर देती है और सांस लेने में कठिनाई पैदा करती है. डॉक्टर्स के अनुसार, COPD में फेफड़ों और वायुमार्ग में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं-

  • वायुमार्ग और फेफड़ों की हवा की थैली की लचक का नुकसान
  • सूजन और घाव, साथ ही वायुमार्ग का संकुचन
  • वायुमार्ग में गाढ़ा बलगम
  • अल्वियोली की दीवारों का टूटना, जिससे हवा फंस जाती है

COPD से पीड़ित लोग अक्सर ‘एक्सेसरेबेशन’ यानी लक्षणों की अचानक बढ़ोतरी का अनुभव करते हैं, जिसमें सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई, गाढ़ा बलगम, घरघराहट और खांसी शामिल होती है.

COPD के लक्षण

  • लंबे समय से खांसी जिसमें बलगम आता हो
  • गहरी सांस लेने में कठिनाई
  • सांस फूलना
  • घरघराहट
  • बैरल जैसे आकार का छाती
  • त्वचा का नीला पड़ना

COPD का इलाज

हालांकि COPD का कोई स्थायी इलाज नहीं है, डॉक्टर्स बताते हैं कि इसका इलाज लक्षणों को कम करने और एक्सेसरेबेशन को नियंत्रित करने पर केंद्रित होता है. उपचार में शामिल हैं-

  • धूम्रपान छोड़ना
  • ब्रॉन्कोडायलेटर्स और स्टेरॉयड जैसी इनहेलर दवाओं का सेवन
  • ऑक्सीजन थेरेपी
  • पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन
  • कॉर्टिकॉस्टेरॉइड और एंटीबायोटिक का कोर्स
  • फेफड़ों की वॉल्यूम रिडक्शन सर्जरी

डिस्क्लेमर: ये आर्टिकल केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इसमें दी गई जानकारी किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है. फेफड़ों की किसी भी समस्या या लक्षण महसूस होने पर कृपया तुरंत योग्य डॉक्टर या फेफड़ों के विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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