पाकिस्तान में सत्ता और सैन्य ढांचे से जुड़े घटनाक्रम इन दिनों चर्चा में हैं. सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के लिए तैयार किया गया नया पद चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) अब भी अधर में लटका हुआ है. खास बात यह है कि संसद और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद भी अभी तक इस पद पर उनकी आधिकारिक नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. इसी वजह से सवाल उठ रहा है कि आखिर पाकिस्तान के सबसे ताकतवर समझे जाने वाले इस पद पर आसिम मुनीर की ताजपोशी क्यों अटक गई है?
सरकार ने नहीं जारी किया नोटिफिकेशन
29 नवंबर की रात आसिम मुनीर का चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) के रूप में तीन साल का कार्यकाल खत्म हो गया. इसके तुरंत बाद उन्हें CDF बनाए जाने की घोषणा होनी थी. मगर समय सीमा गुजरने के बाद भी सरकार ने कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। इस स्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल वे किस आधिकारिक भूमिका में हैं, यह तय नहीं है.
सरकार ने हाल ही में संवैधानिक संशोधन कर CDF का पद बनाया है, जो पहले मौजूद चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी की जगह लेता है. 27 नवंबर को इस पद पर मौजूद जनरल साहिर शमशाद मिर्जा रिटायर भी हो चुके हैं, लेकिन उनके स्थान पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया.
क्या इस देरी से बढ़ रहे सवाल?
CDF की नियुक्ति टलने के बाद पाकिस्तान में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इसी बीच रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान दिया कि नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसमें किसी तरह की राजनीतिक या प्रशासनिक बाधा नहीं है.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ लंदन से लौटने वाले हैं और उनके देश वापस आते ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, अगले हफ्ते एक फॉर्मल कमांड सेरेमनी भी आयोजित की जा सकती है, जिसकी तैयारी चल रही है. ऐसे में संभावना है कि समारोह से पहले CDF नियुक्ति का नोटिफिकेशन सार्वजनिक कर दिया जाएगा.
क्या आसिम मुनीर की बढ़ेगी ताकत?
पाकिस्तान के 27वें संविधान संशोधन के तहत CDF को सेना की शीर्ष कमान पर सबसे ऊपर रखा गया है. इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को तीनों सेनाओं के साथ-साथ नेशनल स्ट्रैटेजिक कमांड पर भी नियंत्रण मिलेगा. यानी यह देश का सबसे प्रभावशाली सैन्य पद माना जा रहा है.
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया ढांचा आसिम मुनीर की शक्ति को और बढ़ा देगा. वहीं जानकारों का यह भी कहना है कि नोटिफिकेशन में हो रही देर केवल तकनीकी प्रक्रिया का हिस्सा है, न कि किसी तरह का बड़ा संकट
















