Tommy Robinson: लंदन की सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए और सरकार विरोधी नारे लगाते नजर आए. कुछ लोगों के हाथ में यूनियन फ्लैग थे तो कई के पास लाल-सफेद सेंट जॉर्ज क्रॉस झंडे थे. यह भीड़ यूनाइट द किंगडम नाम के एंटी-इमिग्रेशन मार्च के तहत सेंट्रल लंदन में एकजुट हुई. इस मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं एंटी-इमिग्रेशन एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन, जिनकी अपील पर लगभग 1 लाख 10 हजार लोग सड़कों पर उतर आए.
यह मार्च ब्रिटेन में बढ़ती प्रवासन समस्या और सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताने का मंच बन गया है. प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में सक्रिय रहते हुए इस मार्च को ऐतिहासिक बनाने की कोशिश की.
टॉमी रॉबिन्सन कौन हैं?
41 वर्षीय टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है. उन्होंने कई सालों तक अदालतों और जेलों का चक्कर लगाया. वे ब्रिटेन में इस्लाम और बढ़ती प्रवास समस्या को लेकर लंबे समय से नाराज हैं. रॉबिन्सन ने स्वीकार किया है कि उन्होंने आर्थिक मदद के लिए दान की राशि का उपयोग शराब और पार्टियों में भी किया.
इंग्लिश डिफेंस लीग की स्थापना और सक्रियता
2009 में टॉमी रॉबिन्सन ने इंग्लिश डिफेंस लीग की स्थापना की थी. यह एक सड़क आंदोलन था और अक्सर हिंसक झड़पों और फुटबॉल होलीगनिज्म (गुंडागर्दी) से जुड़ा रहा. 2013 में उन्होंने नेता पद छोड़ दिया, लेकिन एक सक्रिय कार्यकर्ता और ऑनलाइन प्रचारक के रूप में काम जारी रखा.
क्रिमिनल रिकॉर्ड और जेल की सजा
रॉबिन्सन का क्रिमिनल रिकॉर्ड काफी लंबा है. उनके खिलाफ हमला, बंधक बनाने, धोखाधड़ी और कोर्ट की अवमानना जैसे कई मामले दर्ज हैं. 2018 में उन्होंने ट्रायल के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग करने के आरोप में जेल की सजा भोगी. 2024 में उन्हें हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर 18 महीने की सजा मिली.
वित्तीय समस्याएं और सोशल मीडिया प्रभाव
वित्तीय परेशानियों ने भी उनका पीछा नहीं छोड़ा. 2021 में उन्होंने दिवालिया होने की घोषणा की और बताया कि लाखों पाउंड डोनेशन की बड़ी रकम जुए में गंवाई. इसके बावजूद टॉमी रॉबिन्सन ब्रिटेन में काफी प्रभावशाली बने रहे. 2018 में ट्विटर से बैन होने के बाद, एलोन मस्क द्वारा X (पूर्व ट्विटर) संभालने पर उन्हें पुनः प्लेटफॉर्म पर एकाउंट किया गया. उनके X पर 1 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं.
आलोचकों के लिए वे विभाजन को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति हैं, जबकि समर्थकों के लिए वे फ्री स्पीच और देशभक्ति के पुरोधा माने जाते हैं.
















