टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान शुभमन गिल का आज यानी 8 सितंबर को 27वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस बीच पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल के डेब्यू दौर की यादें साझा कीं. उन्होंने बताया कि गिल ने अपने पहले ही प्रैक्टिस सेशन में ऐसा प्रदर्शन किया जिसने कोचिंग स्टाफ और वरिष्ठ खिलाड़ियों को चकित कर दिया. आज गिल भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान हैं और माना जा रहा है कि भविष्य में वे सभी प्रारूपों में टीम की कमान संभाल सकते हैं.
गिल का आत्मविश्वास
संजय बांगर ने याद करते हुए कहा कि साल 2019 में जब गिल पहली बार भारतीय टीम के साथ जुड़े थे, तो टीम वर्ल्ड कप की तैयारी कर रही थी. उस समय विराट कोहली कप्तान थे और एमएस धोनी भी टीम का हिस्सा थे. मुख्य कोच रवि शास्त्री के नेतृत्व में अभ्यास सत्र हो रहा था. गिल ने नेट्स पर कदम रखते ही साइड-आर्म थ्रोअर्स की गेंदों को आसानी से खेलना शुरू कर दिया. बांगर के अनुसार, वह हर तरह की गेंद पर सटीक शॉट्स खेल रहे थे. ऊपर उठती गेंद पर बेहतरीन ड्राइव, ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर धारदार कट शॉट और शॉर्ट गेंद पर दमदार पुल शॉट. उनके शॉट्स देखकर बाकी खिलाड़ियों ने भी नेट प्रैक्टिस रोककर उन्हें देखने लगे.
रवि शास्त्री की प्रतिक्रिया
संजय बांगर ने बताया कि शुभमन गिल की बल्लेबाजी देखकर रवि शास्त्री इतने प्रभावित हुए कि तुरंत उन्हें अंतिम एकादश में शामिल करने की इच्छा जताई. शास्त्री का कहना था, “इसको अभी खिला दो.” बांगर ने कहा कि गिल ने अपने पहले ही सत्र में यह साबित कर दिया था कि वह कोई साधारण खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं.
गिल का बढ़ता कद
आज शुभमन गिल सिर्फ एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज नहीं बल्कि भारतीय टीम के कप्तान भी हैं. उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, उन्हें आने वाले समय में सभी प्रारूपों का कप्तान बनाए जाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है. गिल का शांत स्वभाव, तकनीकी मजबूती और दबाव में खेलने की क्षमता उन्हें खास बनाती है. संजय बांगर का कहना है कि जिस आत्मविश्वास और परिपक्वता के साथ उन्होंने 2019 में पहली बार नेट्स पर खेल दिखाया, उसी से संकेत मिल गया था कि यह खिलाड़ी लंबा सफर तय करेगा.