नवरात्रि में बोए गए जौ का पूजा के बाद उपयोग: धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं

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What to do with Jware after Navratri
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नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही मिट्टी पर जौ बोने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह रीत न सिर्फ पूजा की विधि का हिस्सा है बल्कि इसे घर में सुख‑समृद्धि और देवी की कृपा पाने का एक शुभ माध्यम माना जाता है. आज के समय में बहुत से लोग उगे हुए जवारों का सही इस्तेमाल नहीं करते बल्कि उन्हें फेंक देते हैं पर ऐसा करना कई मान्यताओं के अनुसार शुभ नहीं माना गया. मान्यता है कि नवरात्रि में बोए गए जौ जितना अधिक हरा‑भरा उगे, उतनी ही अधिक सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि घर में बनी रहती है. इसलिए जवारों की देखभाल और उनका सही उपयोग करने की सलाह जुड़ी हुई है.

जौ या ज्वार क्यों बोए जाते हैं?
धार्मिक मान्यता के अनुसार सृष्टि की प्रारंभिक फसल जौ ही थी इसलिए इसे पूजनीय माना गया. नवरात्रि शुरू होते ही कलश स्थापना के दौरान जौ बोना अनिवार्य माना जाता है ताकि देवी का वास स्थिर हो और पूजा पूर्णता पाए. बोये गए जौ के अंकुरों की वृद्धि, रंग और स्वरूप से भक्तियों में शुभ‑अशुभ संकेत जानने की प्रथा भी प्रचलित है. 

जवारों का सही उपयोग 
पूजा के बाद उगे जवारों को केवल मिट्टी में दबा देना या फेंक देना शुभ नहीं माना जाता. इनके कुछ उपयोग इस तरह बताए जाते हैं:-

मंदिर या पूजा स्थल में रखना:- जौ की जड़ों को पीले कपड़े में बांधकर मंडप या पूजा स्थल में रखना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

तिजोरी में रखना:- जौ को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन की आवक बनी रहती है एवं वित्तीय स्थिति में सुधार होता है.

हवन में मिलाना:- नवमी हवन में थोड़ी मात्रा में जौ डालने से घर की नकारात्मक शक्ति दूर होने की मान्यता है.

पेड़ के नीचे दबाना:- बहुत अधिक जौ होने पर सूक्ष्म स्थान चुनकर किसी वृक्ष के नीचे मिट्टी में दबा देना चाहिए  और वह जगह ऐसी हो जहां लोगों का दुर्घटनावश पैर न पड़े.

पवित्र जल में प्रवाहित करना:- यदि उपयोग न हो सके तो जौ को किसी पवित्र नदी या जल स्रोत में प्रवाहित कर देना चाहिए.

जौ उगाने की सरल विधि 
प्रथम दिन मिट्टी भरें और उसमें जौ के दाने समान रूप से डालें, हल्का पानी छिड़कें. 

मिट्टी को नम रखें पर अधिक गीला न करें ताकि जौ सड़न न मारें. 

यदि दो अंकुर निकलते हैं तो इसे विशेष संकेत माना जाता है कि जीवन में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं. 

जौ तेजी से अंकुरित हो इसके लिए उचित देखभाल महत्वपूर्ण है  जैसे नियमित पानी देना, अच्छी मिट्टी और पर्याप्त प्रकाश.

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