मुंबई के पास करजत इलाके में प्रस्तावित Halal Lifestyle Township Project को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस प्रोजेक्ट के खिलाफ दर्ज शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गंभीर संज्ञान लिया है. आरोप है कि यह टाउनशिप केवल मुस्लिम समुदाय के लिए प्रचारित की जा रही है. जो सामाजिक विभाजन और संविधान में समानता के अधिकार का उल्लंघन है.
शिकायतकर्ता ने NHRC के समक्ष आशंका जताई है कि इस प्रकार की परियोजना न केवल सामाजिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है बल्कि भविष्य में यह क्षेत्र सुरक्षा और सामाजिक दृष्टिकोण से भी खतरनाक साबित हो सकता है. शिकायत में यहां तक कहा गया है कि यह प्रोजेक्ट किसी कट्टरपंथी इलाके में तब्दील हो सकता है.
महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को NHRC का नोटिस
आयोग ने इस शिकायत को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन मानते हुए महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. आयोग ने दो हफ्तों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही यह भी पूछा गया है कि RERA ने किन प्रावधानों के तहत इस तरह की अनुमति या लाइसेंस जारी किया.
प्रियांक कानूनगो का सख्त रुख
मामले की सुनवाई के दौरान आयोग की बेंच की अध्यक्षता कर रहे प्रियांक कानूनगो ने कहा कि यदि लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं तो यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन होगा और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. कानूनगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा कि यह विज्ञापन नहीं विष व्यापन है. मुंबई के पास करजत इलाके में केवल मुसलमान मजहब वालों के लिए हलाल लाइफ स्टाइल वाली टाउनशिप बनाई जा रही है. यह Nation Within The Nation है. महाराष्ट्र सरकार को नोटिस किया जा रहा है.
मामला क्यों है संवेदनशील?
इस पूरे प्रकरण को लेकर बहस छिड़ गई है. विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत जैसे बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश में इस तरह की परियोजनाएं सामुदायिक अलगाव को बढ़ावा दे सकती हैं. वहीं आयोग का कहना है कि अगर संविधान प्रदत्त समानता के अधिकार और भेदभाव विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन होता है तो इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.