Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा करने से जीवन में सभी परेशानियां और दुःख दूर हो जाते हैं. भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग प्रकार के भोग अर्पित करते हैं. मां कात्यायनी को गुड़ का हलवा विशेष रूप से प्रिय है.
भक्तों के लिए यह समय अपने घर में माता की आराधना के साथ-साथ सरल और स्वादिष्ट भोग बनाने का है. यदि आप भी माता कात्यायनी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो यह आसान और जल्दी बनने वाली गुड़ हलवा रेसिपी आपके लिए बिल्कुल सही है.
गुड़ का हलवा बनाने के लिए सामग्री
- 1 कप गेहूं का आटा
- 1/2 कप घी
- 3/4 कप गुड़ (बारीक कटा हुआ)
- 2 कप पानी
- थोड़े कटे हुए मेवे (बादाम, काजू)
- 1/4 चम्मच इलायची पाउडर
गुड़ का हलवा बनाने की आसान विधि
- सबसे पहले एक कड़ाही में घी गरम करें और उसमें आटा डालकर धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भूनें. आटे से जब खुशबू आने लगे और रंग हल्का सुनहरा हो जाए, तब यह तैयार है.
- दूसरी ओर, पानी और गुड़ को एक बर्तन में डालकर उबालें. गुड़ पूरी तरह घुल जाए तो इसे छान लें ताकि कोई अशुद्धि न रहे.
- अब भुने हुए आटे में धीरे-धीरे गुड़ का पानी डालें और लगातार चलाते रहें ताकि हलवे में गांठ न बने.
- हलवे को तब तक पकाएं जब तक वह गाढ़ा न हो जाए और घी किनारे छोड़ने लगे.
- अंत में कटे हुए मेवे और इलायची पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें.
भक्त इस हलवे को माता को भोग लगाकर प्रसन्नता प्राप्त करते हैं. ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसे प्रसाद के रूप में परिवार और मित्रों में बांटना शुभ माना जाता है.
मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
मान्यता है कि ब्रज की कन्याओं और स्वयं राधारानी ने भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए मां कात्यायनी की आराधना की थी. श्रीकृष्ण ने उनके वरदान को पूरा करने के लिए महारास रचा. शास्त्रों में उल्लेख है कि मां कात्यायनी की पूजा से साहस, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति में भी सफलता मिलती है.
कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
- सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें.
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.
- मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष कलश स्थापित कर वस्त्र अर्पित करें.
- घी का दीपक जलाकर रोली से तिलक करें और पीले फूल चढ़ाएं.
- पान के पत्ते पर शहद, बताशे और लौंग रखकर माता को भोग अर्पित करें.
- अंत में कपूर जलाकर मां कात्यायनी की आरती करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, पंचांग और ज्योतिषय गणनाओं पर आधारित है. The India Press यहां दी गई जानकारी की किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.