Shardiya Navratri 2025: पूरे देश में नवरात्रि का पर्व भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है. जगह-जगह भव्य पंडाल सजते हैं और भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. नवरात्रि का पांचवां दिन यानी पंचमी तिथि मां स्कंदमाता को समर्पित है. इस दिन मां स्कंदमाता की विशेष आराधना की जाती है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं.
विशेष रूप से इस दिन केले का भोग अर्पित करने की परंपरा प्रचलित है. मान्यता है कि मां स्कंदमाता को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है, जो शांति, सौभाग्य और सुख का प्रतीक है. उनके प्रति सच्चे मन से की गई भक्ति से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में वैभव की वृद्धि होती है.
मां स्कंदमाता को लगाएं केले का भोग
भक्तों का विश्वास है कि केले का भोग लगाने से मां स्कंदमाता अत्यंत प्रसन्न होती हैं. इस दिन केले से बनी खीर को देवी को अर्पित करने से जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और मानसिक शांति मिलती है. शास्त्रों में भी वर्णित है कि पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता की पूजा विशेष फलदायक होती है और उनका आशीर्वाद साधक के जीवन में सभी बाधाओं को दूर करता है.
केले की खीर बनाने की सामग्री
- दूध: 1 लीटर
- पके केले: 2 (अच्छी तरह मैश किए हुए)
- चावल: 1/4 कप (भिगोए हुए)
- चीनी: 1/2 कप (स्वादानुसार)
- इलायची पाउडर: 1/2 टीस्पून
- केसर: कुछ धागे (वैकल्पिक)
- घी: 1 टेबलस्पून
- काजू, बादाम, पिस्ता: सजावट के लिए
केले की खीर बनाने की विधि
- भिगोए हुए चावल को दूध में डालकर धीमी आंच पर पकाएं, जब तक चावल पूरी तरह से गलकर दूध गाढ़ा न हो जाए.
- अब मैश किए हुए केले मिलाएं और इसे अधिक देर तक न पकाएं, ताकि खीर का स्वाद बदल न जाए.
- इसमें चीनी, इलायची पाउडर और केसर डालकर 2–3 मिनट पकाएं.
- एक छोटे पैन में घी गरम करके काजू-बादाम हल्का भूनें और खीर में डाल दें.
- स्वादिष्ट केले की खीर तैयार है, इसे मां स्कंदमाता को भोग के रूप में अर्पित करें.
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- पंचमी तिथि पर सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.
- देवी को पूर्ण श्रद्धा और विनम्र भाव से खीर अर्पित करें.
- खीर अर्पित करने के बाद घर के सभी सदस्यों के लिए प्रसाद बांटें.
- केले का भोग लगाने से न केवल देवी प्रसन्न होती हैं बल्कि घर में सुख-शांति और वैभव की वृद्धि होती है.