यूपी में 56 नाबालिग लड़कियों के लापता होने से मची सनसनी, लव जिहाद की आशंका

0
35

अंबेडकरनगर में बीते एक माह के भीतर 56 लड़कियों के अपहरण के मामलों ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है. यह आंकड़े एक गहरी साजिश और सुनियोजित नेटवर्क की ओर इशारा कर रहे हैं, जहां अधिकतर पीड़िताएं नाबालिग, अनुसूचित जाति से संबंधित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की हैं. इन मामलों में कई घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुईं. वहीं अनेक मामलों में पीड़ित परिवारों ने लोगों के भय से शिकायत तक नहीं की.

पुलिस के अनुसार अपहरण की अधिकतर घटनाएं प्रेम जाल, मोबाइल, और पैसों का लालच देकर की गई हैं. जबकि विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों ने इसे लव जिहाद करार देते हुए नेटवर्क की साजिश का आरोप लगाया है. पुलिस जांच में अब तक किसी संगठित रैकेट की पुष्टि नहीं हुई है, परंतु लगातार जांच जारी है.

जिलेभर में दर्ज हुए अपहरण के चौंकाने वाले आंकड़े
जिला पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अगस्त माह में जिले के 18 थानों में अपहरण के कुल 56 मुकदमे दर्ज किए गए.

अकबरपुर: 11

मालीपुर: 9

जलालपुर: 8

अहिरौली: 7

बसखारी: 6

जैतपुर: 5

महरुआ व सम्मनपुर: 3-3

इब्राहिमपुर व भीटी: 2-2

इन मामलों में कई लड़कियों को अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है. जबकि कुछ मामलों में पुलिस ने बरामदगी के बाद पीड़िताओं के बयान दर्ज कराए हैं. विश्व हिंदू परिषद ने जताई गंभीर साजिश की आशंका विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रमुख अरविंद पांडेय ने दावा किया है कि बलरामपुर की तरह अंबेडकरनगर में भी एक मुस्लिम गिरोह सक्रिय है, जो षड्यंत्रपूर्वक हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा कर अपहरण और मतांतरण के लिए मजबूर कर रहा है. यह लव-जिहाद ही है. उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में आरोपित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और मुस्लिम युवकों का यह संगठित समूह सक्रिय रूप से काम कर रहा है.

पुलिस का पक्ष
पुलिस जांच में सामने आया है कि अधिकांश लड़कियों को मोबाइल, रुपए और प्रेम संबंधों के नाम पर फंसाया गया. बरामद लड़कियों के बयान में भी इस बात की पुष्टि हुई है. थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के अपहरण की रिपोर्ट तुरंत दर्ज कर बरामदगी कराई जाए. 

राजनीतिक प्रतिक्रिया
अंबेडकरनगर सांसद लालजी वर्मा ने कहा इस सरकार में अंबेडकरनगर ही नहीं, पूरे प्रदेश में महिला अपराध तेजी से बढ़े हैं. सरकार न तो अपहरण रोक पा रही है और न ही दुष्कर्म. अनुसूचित जाति और कमजोर वर्ग की बच्चियों को निशाना बनाने वालों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

 आरोप और दर्ज हुए केस
मालीपुर की घटना में एक हिंदू युवती को मो. अमन उर्फ कयूम ने शादी का झांसा देकर अपहरण किया और 10 लाख रुपए व अन्य मदद का प्रलोभन देकर मतांतरण कर निकाह कर लिया. युवती की मां की तहरीर पर पुलिस ने अपहरण, धोखाधड़ी और मतांतरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. एक अन्य घटना में एक मुस्लिम किशोर ने स्कूल जा रही कक्षा 11 की छात्रा को जबरन घर में बंद कर मतांतरण व शादी का दबाव बनाया. आरोपी पर अपहरण, छेड़छाड़ और मतांतरण के प्रयास का केस दर्ज किया गया.

सोशल मीडिया के जरिए फंसाने का मामला
अकबरपुर की घटना में हाईस्कूल छात्रा से एक मुस्लिम युवक ने फर्जी हिंदू नाम की सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर संपर्क किया. छात्रा को मोबाइल व बैंक ट्रांसफर के जरिए लालच दिया गया और बाद में अपहरण कर मतांतरण का दबाव बनाया. परिजनों और हिंदू संगठनों द्वारा पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बावजूद अब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.

पुलिस का दावा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब तक किसी सुनियोजित रैकेट की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सभी मामलों की गहनता से जांच की जा रही है. बरामदगी के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए जा रहे हैं. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अंबेडकरनगर में लगातार हो रहे नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मामलों ने समाज में चिंता और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है. हालांकि पुलिस संगठित रैकेट की बात से इनकार कर रही है. लेकिन जिस तरह से घटनाओं की संख्या और प्रवृत्ति सामने आ रही है वह एक गंभीर सामाजिक संकट की ओर इशारा करती है. अब देखना होगा कि प्रशासन कितना सक्रिय होकर दोषियों को पकड़ता है और पीड़ितों को न्याय दिलाता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here