चार दिन की विदेश यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी, 7 साल बाद चीन का करेंगे दौरा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से 1 सितंबर तक जापान और चीन की यात्रा पर रहेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के निमंत्रण पर 29 से 30 अगस्त तक जापान की यात्रा करेंगे. यह प्रधानमंत्री मोदी की आठवीं जापान यात्रा होगी और जापानी प्रधानमंत्री इशिबा के साथ पहली शिखर बैठक होगी.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्रा के दौरान, दोनों प्रधानमंत्री भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा करेंगे, जिसमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, और लोगों के बीच आदान-प्रदान शामिल हैं, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा भी होगी. इसमें कहा गया है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच मित्रता के दीर्घकालिक विशेष बंधन की पुष्टि करेगी.

एससीओ शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान से चीन की यात्रा करेंगे. 31 अगस्त को आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता भाग लेंगे. मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के दूसरे चरण में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चीन की यात्रा करेंगे.

7 साल पहले किया था चीन का दौरा

बयान में कहा गया है कि शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा सम्मेलन में भाग लेने वाले कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है. मोदी ने आखिरी बार 2018 में चीन की यात्रा की थी. पहली बार उस वर्ष अप्रैल में वुहान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए और फिर जून में किंगदाओ में एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए और इसके बाद 2019 में शी ने दूसरी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया, जिसका उद्देश्य 2017 में डोकलाम गतिरोध के नतीजों को संबोधित करना था.

गलवान हिंसा के बाद आई रिश्तों में खटास

शी की यात्रा के कुछ महीनों के भीतर अप्रैल-मई 2020 में एलएसी के लद्दाख सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़पों और जून में गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद द्विपक्षीय संबंध छह दशकों में अपने सबसे निचले बिंदु पर पहुंच गए, जिसमें 20 भारतीय सैनिक और कम से कम चार चीनी सैनिक मारे गए. दोनों पक्षों के बीच 21 अक्टूबर, 2024 को एलएसी गतिरोध समाप्त करने पर सहमति बनी और इसके दो दिन बाद मोदी और शी के बीच रूसी शहर कज़ान में बैठक हुई, जहां उन्होंने संबंधों को सामान्य बनाने और सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई तंत्रों को पुनर्जीवित करने पर सहमति व्यक्त की.

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