हरियाणा में महिला टीचर की मौत से लोगों में गुस्सा, इन जिलों में बंद हुई इंटरनेट सेवाएं

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Haryana

हरियाणा सरकार ने 19 वर्षीय महिला टीचर मनीषा की संदिग्ध मौत के बाद उत्पन्न हुए जनाक्रोश और संभावित अशांति को देखते हुए भिवानी और चरखी दादरी जिलों में इंटरनेट और अन्य संचार सेवाएं 48 घंटे के लिए निलंबित कर दी हैं. गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह प्रतिबंध 19 अगस्त पूर्वाह्न 11 बजे से लेकर 21 अगस्त सुबह 11 बजे तक लागू रहेगा.

हिंसा की आशंका

सरकार की ओर से जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यह कदम प्रदर्शनों, जन आंदोलनों और सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को संभावित नुकसान से बचाव हेतु उठाया गया है. प्रशासन को आशंका है कि बढ़ते तनाव के कारण कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए यह कदम जन सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक माना गया.

मनीषा की मौत का सीधा जिक्र नहीं

हालांकि आदेश में मनीषा की मौत का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने का निर्णय इसी घटना से उपजे जनाक्रोश के चलते लिया गया है. मनीषा की मौत को लेकर पूरे इलाके में गंभीर असंतोष और आक्रोश की स्थिति बनी हुई है.

क्या है पूरा मामला?

भिवानी जिले में स्थित एक प्लेस्कूल में पढ़ाने वाली 19 वर्षीय टीचर मनीषा की लाश 13 अगस्त को एक खेत में संदिग्ध परिस्थितियों में मिली थी. बताया गया कि 11 अगस्त को स्कूल से निकलने के बाद वह एक नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के सिलसिले में गई थी, जिसके बाद से वह लापता हो गई थी.

मामले में नया मोड़

घटना ने नया मोड़ तब लिया जब मनीषा के बैग से एक पत्र बरामद हुआ, जिसे आत्महत्या से पूर्व लिखा गया नोट माना जा रहा है. पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने जानकारी दी कि पत्र के साथ आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. साथ ही, यह भी पुष्टि की गई कि मनीषा ने कीटनाशक खरीदा था और विसरा जांच में कीटनाशक के अंश पाए गए हैं.

परिवार और विपक्ष ने बताया हत्या

हालांकि, मनीषा के परिजनों का साफ कहना है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है. विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला किया है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस मामले को आत्महत्या में बदलने का प्रयास कर रही है, जबकि वास्तव में यह कानून-व्यवस्था की विफलता का प्रमाण है.

CBI जांच की मांग

घटना के बाद स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों ने CBI से जांच कराने की मांग की है. सड़कों पर प्रदर्शन किए गए, जिससे इलाके में तनाव और अशांति की स्थिति बन गई. ऐसे में सरकार ने एहतियातन इंटरनेट और संचार सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है.

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