कानपुर में शख्स ने लिव-इन पार्टनर का किया कत्ल, शव को सूटकेस में भरकर 100 किमी दूर फेंका

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Kanpur News
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Kanpur News: कानपुर से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जहां एक युवक ने अपनी लिव-इन पार्टनर की बेरहमी से हत्या कर दी. प्रेमिका को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी ने उसके शव को सूटकेस में भरकर अपने दोस्त की मदद से 100 किलोमीटर दूर बांदा में यमुना नदी में फेंक दिया.

यह चौंकाने वाला खुलासा दो महीने बाद तब हुआ जब पुलिस ने आरोपी बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की. पुलिस जांच में सामने आया कि युवक की दो गर्लफ्रेंड थीं और जब उसकी पहली प्रेमिका को दूसरी के बारे में पता चला तो विवाद बढ़ गया. आरोपी ने दूसरी प्रेमिका के कहने पर पहली का कत्ल कर दिया.

इंस्टाग्राम पर हुई दोस्ती

डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी के मुताबिक, कानपुर देहात के रूरा इलाके के सुजनीपुर गांव की विजयश्री ने 8 अगस्त को हनुमंत विहार थाने में बेटी आकांक्षा उर्फ माही (20) के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आकांक्षा बड़ी बहन के साथ बर्रा स्थित एक रेस्टोरेंट में काम करती थी और पढ़ाई भी कर रही थी. इसी दौरान इंस्टाग्राम पर उसकी दोस्ती फतेहपुर निवासी सूरज कुमार से हुई. धीरे-धीरे रिश्ता गहराया और दोनों ने लिव-इन में रहना शुरू कर दिया.

मां ने गुमशुदी की लिखाई थी रिपोर्ट

आकांक्षा की मां का आरोप है कि बेटी के अचानक गायब होने के बाद उन्होंने थाने में रिपोर्ट लिखवाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूरन उन्हें पुलिस कमिश्नर दफ्तर जाना पड़ा. उसके बाद ही सूरज पर अपहरण का केस दर्ज किया गया.

2 महीने बाद सूरज ने कबूला सच

आकांक्षा की गुमशुदगी के करीब दो महीने बाद पुलिस ने सूरज को हिरासत में लिया. पूछताछ में वह टूट गया और बोला, “मेरे आकांक्षा के अलावा एक और लड़की से संबंध थे. आकांक्षा ने हमारी वॉट्सऐप चैट पढ़ ली थी, जिसके बाद झगड़ा हुआ और गुस्से में मैंने उसका गला दबाकर हत्या कर दी.”

सूरज ने पुलिस को बताया कि हत्या के बाद उसने फतेहपुर निवासी अपने दोस्त आशीष कुमार को बुलाया. दोनों ने मिलकर शव को सूटकेस में भरा और रात करीब ढाई बजे बाइक से ले जाकर बांदा में चिल्ला पुल से यमुना नदी में फेंक दिया.

मृतका बनकर करता रहा परिजनों से बात

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सूरज ने तीन दिन तक आकांक्षा के फोन से उसके परिवारवालों को लगातार मैसेज किए. वह उनकी बातों का जवाब भी देता रहा ताकि किसी को शक न हो. बाद में पकड़े जाने के डर से उसने मोबाइल फोन कानपुर सेंट्रल स्टेशन की एक ट्रेन में छोड़ दिया.

डीसीपी साउथ ने बताया कि पहले आरोपी गुमराह करने की कोशिश करता रहा. लेकिन मोबाइल लोकेशन और घटना वाले दिन की बातचीत के आधार पर जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो पूरा सच सामने आ गया.

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