नोएडा अब सिर्फ एक IT हब या रियल एस्टेट के लिए ही नहीं बल्कि देश के आर्थिक रूप से एक सशक्त और उभरते हुए केंद्र के रूप में तेजी से अपनी पहचान बना रहा है. हाल ही में जारी वित्तीय वर्ष 2024-25 के आंकड़ों ने इस दावे को और मजबूत किया है. नोएडा की प्रति व्यक्ति आय अब 10.2 लाख रुपये तक पहुंच गई है, जो देश की राजधानी दिल्ली से दोगुनी है.
दिल्ली जो अब तक उच्च प्रति व्यक्ति आय के मामले में आगे मानी जाती रही है. लेकिन नोएडा की इस तेज रफ्तार के सामने पिछड़ती दिख रही है. जहां एक ओर दिल्ली की आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत बनी हुई है वहीं नोएडा का तेज बुनियादी ढांचा विकास और औद्योगिक निवेश ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है.
दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय
दिल्ली सरकार के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा 2024-25 के लिए जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार राजधानी दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 4,93,024 रुपये आंकी गई है. यह पिछले वर्ष के मुकाबले 7.32% अधिक है, जब यह आंकड़ा 4,59,408 रुपये था. हालांकि यह आय अब भी देश के अधिकतर राज्यों की तुलना में ऊंची है. लेकिन नोएडा जैसे उभरते क्षेत्र ने इस बार इसे पछाड़ दिया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फिलहाल गोवा के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन उनके आने के बाद भी दिल्ली के दूसरे या तीसरे स्थान पर बने रहने की संभावना है.
दिल्ली की अर्थव्यवस्था
दिल्ली की अर्थव्यवस्था ने बीते एक दशक में लगातार मजबूती हासिल की है. 2011-12 से लेकर 2024-25 के बीच यहां की प्रति व्यक्ति आय की औसत वार्षिक वृद्धि दर 7.99% रही है. वास्तविक मूल्यों के आधार पर देखें तो, 2024-25 में यह आंकड़ा 2,83,093 रुपये तक पहुंच चुका है जो कि 2011-12 के 1,85,001 रुपये से कहीं अधिक है.
इसी अवधि में दिल्ली के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में सालाना 5% की वृद्धि दर्ज की गई है लेकिन राष्ट्रीय GDP में उसका योगदान थोड़ा घटकर 3.79% पर आ गया है.
सेवा क्षेत्र पर निर्भर है दिल्ली की कमाई
दिल्ली की उच्च आय दर का प्रमुख कारण इसका सेवा क्षेत्र आधारित आर्थिक मॉडल है. यह वही मॉडल है जो कई विकसित देशों में देखने को मिलता है. जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से दिल्ली की आर्थिक गतिविधियां कई राज्यों से अधिक हैं, लेकिन इसके बावजूद GDP में इसका हिस्सा स्थिर ही रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 2.4 गुना अधिक है.
नोएडा कैसे बना आर्थिक विकास का नया चेहरा?
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल ज़ोन जैसे क्षेत्रों में बीते कुछ वर्षों में जबरदस्त बुनियादी ढांचा विकास और भारी निवेश हुआ है. IT, मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट और अन्य उद्योगों में बढ़ती गतिविधियों ने इस क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर पूरी तरह बदल दी है.
तेजी से बन रहे हाईवे, नए औद्योगिक क्लस्टर, और वैश्विक कंपनियों की मौजूदगी ने नोएडा को न केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का बल्कि पूरे देश का एक नया आर्थिक केंद्र बना दिया है. यही वजह है कि 10.2 लाख रुपये की प्रति व्यक्ति आय के साथ नोएडा अब आर्थिक प्रगति का प्रतीक बन चुका है.
















