Janmashtami 2025: हर साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. मंदिरों से लेकर घरों तक, हर जगह भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई देती है और कान्हा के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठता है. इस साल 16 अगस्त 2025 को कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है. लाखों श्रद्धालु व्रत-उपवास रखकर और भक्ति भाव से पूजा-अर्चना कर इस दिन को खास बनाते हैं.
इस शुभ अवसर पर लोग एक-दूसरे को भक्ति से भरे संदेश और शुभकामनाएं भी भेजते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी श्रीकृष्ण के भजन, झांकियां और उनकी लीलाओं की झलक देखने को मिलती है. यदि आप भी अपने परिवार, मित्रों और प्रियजनों को जन्माष्टमी पर शुभकामनाएं भेजना चाहते हैं, तो यहां आपके लिए कुछ बेहतरीन संदेश दिए गए हैं.
जन्माष्टमी पर खास शुभकामना संदेश
“गोकुल की गलियों में गूंजे कान्हा का नाम, आपके जीवन में खुशियों की बरसे सौगात. जय श्रीकृष्ण.”
“जय श्रीकृष्ण! जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर आपके जीवन में सुख, समृद्धि और आनंद का संचार हो.”
“कान्हा की मुरली की धुन, उनके चरणों की धूल और उनकी लीलाओं की छवि आपके जीवन को मंगलमय बनाए.”
“श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर आपको और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं. जय कान्हा.”
“राधा के प्रेम और मुरलीधर के स्नेह से आपका जीवन भक्ति और प्रेम से सराबोर रहे. शुभ जन्माष्टमी.”
स्टेटस पर लगाएं ये लाइने
“जय श्रीकृष्ण!
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ उसके जन्म का दिन आया,
आपको और आपके परिवार को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं.”
“नंदलाल की बंसी की धुन,
गोपियों का प्रेम अपार,
आज के दिन कान्हा का जन्म हुआ,
भर दो जीवन में खुशियां हजार.
हैप्पी जन्माष्टमी 2025.”
“कान्हा के बिना अधूरी है पूजा,
उनके नाम से ही सजे हर दूजा,
माखन-मिश्री संग राधा-कृष्ण का संग,
आपके जीवन में लाए खुशियों का रंग.
शुभ जन्माष्टमी.”
भक्ति और उल्लास का पर्व
जन्माष्टमी के दिन घर-घर में भजन-कीर्तन होते हैं. कान्हा जी के पसंदीदा माखन-मिश्री और अन्य व्यंजन बनाए जाते हैं. मंदिरों में सुंदर झांकियां सजाई जाती हैं, जिनमें श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का दर्शन कराया जाता है. भक्तजन इस दिन नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की जैसे भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं.
जन्माष्टमी का पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह जीवन में प्रेम, सरलता और त्याग का संदेश देता है. भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के माध्यम से जो उपदेश दिए, वे आज भी मानव जीवन का मार्गदर्शन करते हैं. यही कारण है कि यह पर्व हिंदू समाज में बेहद खास महत्व रखता है.