भारत ने उठाया बड़ा कदम, पेश किया अंतरराष्ट्रीय गवर्नेंस सूचकांक का प्रोजेक्ट

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India Governance Index
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 वैश्विक रैंकिंग्स पर उठते सवालों के बीच भारत ने ‘गुड गवर्नेंस’ के मापदंड तय करने के लिए एक नया अंतरराष्ट्रीय गवर्नेंस इंडेक्स बनाने का प्रस्ताव पेश किया है. इस कदम के तहत भारत ब्रुसेल्स स्थित अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (IIAS) की अध्यक्षता का लाभ उठाते हुए वैश्विक स्तर पर शासन के नए मानदंड स्थापित करने का प्रयास कर रहा है. यह पहल ऐसे समय में आई है जब भारत वैश्विक सूचकांकों में अपनी रैंकिंग को लेकर निरंतर सवाल उठा रहा है.

भारत ने जून 2024 में IIAS की अध्यक्षता संभाली थी और अब इस मंच के जरिए एक व्यापक और वैज्ञानिक आधार पर आधारित गवर्नेंस इंडेक्स विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है. इंडेक्स के निर्माण में विश्व बैंक, OECD और संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक विभाग (UN DESA) जैसे प्रमुख वैश्विक संगठनों के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाशा जाएगा.

भारत की IIAS अध्यक्षता के 100 दिन
भारत ने अपनी तीन साल की IIAS अध्यक्षता के पहले 100 दिन पूरे होने पर अपनी प्रमुख उपलब्धियों की सूची जारी की है जिसमें अंतरराष्ट्रीय शासन सूचकांक का प्रस्ताव प्रमुख है. प्रशासनिक सुधार और सार्वजनिक शिकायत विभाग के सचिव तथा IIAS अध्यक्ष वी. श्रीनिवास ने बताया कि 25 सितंबर, 2025 को हमने IIAS की रिसर्च एडवाइजरी कमेटी के साथ वैज्ञानिक रणनीति को मजबूत करने के एजेंडे पर चर्चा की. इस एजेंडे में अंतरराष्ट्रीय शासन सूचकांक और ट्रेंड एनालिसिस को IIAS की मुख्य गतिविधियों में विकसित करना शामिल है.

वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग की योजना
भारत सरकार ने इस पहल में विश्व बैंक, OECD और UN DESA के साथ सहयोग की संभावना जताई है. वी. श्रीनिवास के अनुसार रिसर्च की कार्यप्रणाली मौजूदा वैश्विक कामों का लाभ उठाकर आगे बढ़ाई जाएगी और संभावित साझेदारी की दिशा में प्रयास किए जाएंगे. इस योजना का उद्देश्य एक ऐसा इंडेक्स तैयार करना है जो व्यापक, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से वैश्विक शासन की गुणवत्ता को माप सके.

वैश्विक सूचकांकों में भारत की स्थिति पर सवाल
यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भारत की वैश्विक रैंकिंग में गिरावट देखी जा रही है. स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के वैराइटीज ऑफ डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट की रिपोर्टों के अनुसार भारत को 2017 से चुनावी निरंकुशता के तौर पर वर्गीकृत किया जा रहा है. 2025 की रिपोर्ट में भारत को लिबरल डेमोक्रेसी इंडेक्स में 179 देशों में से 100वें स्थान पर रखा गया, जबकि डेनमार्क सबसे उपर था. भारत इस चुनौतीपूर्ण दौर में अपनी गवर्नेंस को लेकर नए मानदंड स्थापित करना चाहता है.

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