LiFi Internet: भारत की टेक्नोलॉजी ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई है. गुजरात की कंपनी Nav वायरलेस टेक्नोलॉजीज ने अमेरिका के न्यू यॉर्क में पहला कमर्शियल LiFi इंटरनेट सिस्टम स्थापित कर दिया है. JESCO वेंचर्स लैब के साथ मिलकर यह तकनीक वहां के Silicon Harlem ऑफिस में शुरू की गई. इस उपलब्धि को भारत के लिए गर्व का पल बताया जा रहा है.
LiFi इंटरनेट तकनीक की यह सफलता भारत में हुए आविष्कारों की वैश्विक पहचान को और मजबूत करती है. Nav वायरलेस टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर हार्दिक सोनी का कहना है कि LiFi को अमेरिका में लॉन्च करना सिर्फ मील का पत्थर नहीं, बल्कि यह भारत के डिजिटल भविष्य को नई दिशा देने वाला कदम है.
क्या है LiFi इंटरनेट और Wi-Fi से कैसे है अलग?
LiFi इंटरनेट और पारंपरिक Wi-Fi इंटरनेट में सबसे बड़ा अंतर डेटा ट्रांसमिशन की तकनीक में है. जहां Wi-Fi में रेडियो तरंगों का उपयोग होता है, वहीं LiFi में इंटरनेट ट्रांसमिशन के लिए रोशनी (Light) का इस्तेमाल किया जाता है.
सरल भाषा में कहें तो LiFi इंटरनेट वही रोशनी का उपयोग करता है जो हमारे घरों और ऑफिस में एलईडी बल्ब से आती है. इस तकनीक की खासियत यह है कि यह तेजी से डेटा ट्रांसमिट करती है और अधिक सुरक्षित मानी जाती है.
LiFi इंटरनेट और Wi-Fi इंटरनेट की रेंज में अंतर
LiFi इंटरनेट की रेंज Wi-Fi की तुलना में काफी सीमित होती है. LED लाइट या अन्य प्रकाश स्रोतों के माध्यम से यह इंटरनेट प्रदान करता है, लेकिन इसका कवरेज छोटा होता है. वहीं, Wi-Fi इंटरनेट एक कमरे से दूसरे कमरे तक आसानी से पहुँच जाता है और बड़े एरिया को कवर करता है.
इसका मतलब यह है कि LiFi इंटरनेट का उपयोग विशेष रूप से सीमित और नियंत्रित स्थानों में करना ज्यादा प्रभावी होगा.
अमेरिका में LiFi इंटरनेट का पहला कदम
Nav वायरलेस टेक्नोलॉजीज ने यह तकनीक Silicon Harlem, न्यू यॉर्क में स्थापित की है. हार्दिक सोनी के अनुसार, भारत में विकसित इस तकनीक का अमेरिका में लॉन्च होना केवल एक मील का पत्थर नहीं है, बल्कि यह वैश्विक डिजिटल परिदृश्य को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
कंपनी का दावा है कि LiFi तकनीक के पेटेंट के मामले में वह दुनिया की चुनिंदा कंपनियों में शामिल है और अमेरिका में इसे फैलाने की योजना भी तैयार है.
कहां ज्यादा कारगर होगी LiFi तकनीक?
Nav वायरलेस टेक्नोलॉजीज का लक्ष्य है कि इस तकनीक को सरकारी एजेंसियों, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों, एयरपोर्ट और वित्तीय संस्थानों में लागू किया जाए. शुरुआती तौर पर यह जगहें चुनी गई हैं क्योंकि LiFi इंटरनेट की सीमित रेंज और उच्च सुरक्षा इसे इन क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाती है.