हमास की सशस्त्र शाखा क़स्साम ब्रिगेड ने गाजा में बंद रखे गए दर्जनों इज़रायली कैदियों की तस्वीरें प्रकाशित की हैं. शनिवार को जारी इस विदाई तस्वीर में 48 कैदियों के चेहरे दिखाए गए, जिनमें जीवित और मृत दोनों शामिल थे. खास बात यह रही कि हर कैदी को रॉन अराद नाम दिया गया, जो 1986 में लापता हुए इजरायली वायुसेना अधिकारी का नाम है. अराद का रहस्यमय भाग्य दशकों से इजरायल की सैन्य और राजनीतिक हलकों को परेशान करता रहा है.
नेतन्याहू और इजरायली सेना पर हमास का निशाना
तस्वीर के साथ हमास ने इजरायली नेतृत्व को सीधा संदेश दिया. संगठन ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सेना प्रमुख इयाल जमीर पर निशाना साधते हुए कहा कि नेतन्याहू की जिद और जमीर की अधीनता ने गाजा शहर में इस अभियान को जन्म दिया है. यह बयान स्पष्ट करता है कि हमास इस संघर्ष को नेतन्याहू सरकार की नीतियों से जोड़कर प्रचारित करना चाहता है.
गाजा में भीषण लड़ाई जारी
तस्वीर जारी होने से पहले गाजा शहर में कई दिनों से जबरदस्त लड़ाई चल रही थी. इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने भूमिगत सुरंगों और बम-जाल वाली इमारतों को नष्ट किया है. वहीं, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार हालिया हमलों में कम से कम 60 फिलिस्तीनी मारे गए.
बंदियों की जिंदगी पर खतरा
हमास का कहना है कि कैदी गाजा शहर के अलग-अलग हिस्सों में रखे गए हैं और इजरायली बमबारी उनके जीवन को लगातार खतरे में डाल रही है. इससे पहले भी संगठन ने बंधकों के वीडियो जारी किए थे, जिनमें उनकी बिगड़ती सेहत या भयावह परिस्थितियां दिखाई गईं. एक वीडियो में तो एक कैदी को अपनी कब्र खोदते हुए भी दिखाया गया था. इन वीडियोज की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई और इन्हें मनोवैज्ञानिक युद्ध बताया गया.
इजरायल में विरोध प्रदर्शन की तैयारी
यह तस्वीर ऐसे समय पर जारी हुई है जब तेल अवीव समेत इज़रायल के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी हो रही थी. परिजनों और नागरिकों का दबाव है कि सरकार युद्धविराम और समझौते के ज़रिए बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करे.
गाजा पर इजरायल के हमले तेज
शनिवार को इजरायली सेना ने गाज़ा शहर और पूरी पट्टी पर हमले तेज कर दिए. सेना ने भूमिगत ठिकानों और बारूदी सुरंगों को निशाना बनाया. इन अभियानों के चलते गाज़ा में कई इमारतें तबाह हुईं और मौत का आंकड़ा बढ़ता चला गया. अनुमान है कि पिछले दो हफ्तों में कम से कम 20 टावर ब्लॉक ध्वस्त हो चुके हैं.
अंतरराष्ट्रीय दबाव
तनाव ऐसे समय में बढ़ रहा है जब ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्रिटेन और कनाडा समेत 10 देश फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता देने की तैयारी कर रहे हैं. यह औपचारिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले सोमवार को की जानी है. यह कदम इजरायल पर और दबाव डाल सकता है.
गाजा शहर से पलायन
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर की शुरुआत से अब तक 5,00,000 से अधिक लोग गाज़ा शहर छोड़कर पलायन कर चुके हैं. हालांकि हमास इन आंकड़ों को नकारता है और दावा करता है कि इजरायली हमले स्थिति को और भयावह दिखाने के लिए प्रचारित किए जा रहे हैं.