राजगीर, बिहार, स्थित प्रसिद्ध हॉकी स्टेडियम में रविवार को भारतीय हॉकी टीम ने एक शानदार प्रदर्शन किया और हीरो एशिया कप 2025 का फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया. भारतीय टीम ने दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराते हुए चौथी बार एशिया कप ट्रॉफी पर कब्जा किया और इसके साथ ही 2026 के विश्व कप के लिए अपनी अर्हता भी प्राप्त की. इस जीत ने भारतीय हॉकी को एक नई दिशा दी और यह खेल के प्रति देश के प्रेम को और मजबूत किया.
शुरूआत से भी बढ़त कायम
भारत ने इस मैच की शुरुआत से ही अपनी बढ़त को कायम रखा. पहले ही मिनट में सुखजीत सिंह ने शानदार फील्ड गोल करके भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई. इसके बाद खेल के 28वें मिनट में दिलप्रीत सिंह ने एक और फील्ड गोल किया और भारत की बढ़त को 2-0 कर दिया. इस बीच, भारतीय टीम की मजबूत डिफेंस ने कोरिया के हमलों को नाकाम किया. खेल के 45वें मिनट में दिलप्रीत सिंह ने एक और गोल करके भारत का स्कोर 3-0 कर दिया. मैच के 50वें मिनट में अमित रोहिदास ने पेनल्टी कॉर्नर से चौथा गोल दागा, जिससे भारत की बढ़त 4-0 हो गई. हालांकि, 51वें मिनट में दक्षिण कोरिया के सोन डैन ने एक पेनल्टी कॉर्नर से गोल करके स्कोर 4-1 किया, लेकिन इसके बाद भारतीय डिफेंस ने कोरिया को और कोई मौका नहीं दिया और मैच समाप्ति तक भारत की बढ़त बरकरार रही.
राजगीर का उत्सव और स्टेडियम का माहौल
राजगीर की पहाड़ियों के बीच स्थित इस हॉकी स्टेडियम का माहौल बिल्कुल उत्साही था. हजारों दर्शक अपने हौसले और जोश से भरे हुए थे. स्टेडियम में तिरंगे लहरा रहे थे और “भारत माता की जय” और “चक दे इंडिया” के नारे गूंज रहे थे. हर गोल के साथ दर्शकों की तालियों और जयघोष ने खिलाड़ियों का उत्साह और बढ़ा दिया. इस आयोजन ने राजगीर को खेलों के नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया, जो पहले धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी के रूप में जाना जाता था. इस टूर्नामेंट के बाद अब यह स्थान खेल प्रेमियों के लिए भी एक अहम केंद्र बन चुका है.
खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
मैच के बाद भारतीय टीम के कप्तान हर्मनप्रीत सिंह ने कहा, “टीम ने पूरे टूर्नामेंट में संयम और धैर्य का शानदार प्रदर्शन किया. फाइनल में हर खिलाड़ी ने अपना 100% दिया. यह खिताब हम पूरे देश को समर्पित करते हैं. हमें विश्व कप में खेलने का मौका मिलने से और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिलेगी.” गोल करने वाले खिलाड़ियों सुखजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह और अमित रोहिदास ने भी दर्शकों के उत्साह को अपनी जीत का मुख्य कारण बताया और कहा कि यह जीत पूरे टीम के सामूहिक प्रयास का परिणाम है.
सम्मान और पुरस्कार वितरण
मैच के बाद आयोजित सम्मान समारोह में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया. दक्षिण कोरिया को सिल्वर मेडल मिला, जबकि तीसरे स्थान के लिए खेले गए मुकाबले में मलेशिया ने चीन को 4-1 से हराकर कांस्य पदक जीता. यह पुरस्कार वितरण समारोह भारतीय हॉकी के लिए एक ऐतिहासिक पल था, जिसमें खिलाड़ियों का उत्साह चरम पर था.
भारत का चौथा एशिया कप खिताब और ऐतिहासिक उपलब्धि
भारत ने पहले भी 2003, 2007 और 2017 में एशिया कप ट्रॉफी जीती थी. 2025 में चौथी बार एशिया कप जीतने के साथ ही भारत ने यह साबित कर दिया कि भारतीय हॉकी आज भी अपनी मजबूती और कौशल में सबसे आगे है. इस जीत ने न केवल भारतीय हॉकी को एक नई पहचान दिलाई, बल्कि विश्व कप में खेलने के लिए जरूरी अर्हता भी प्राप्त की. यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय हॉकी के पुनरुत्थान का प्रतीक है और इसने हॉकी प्रेमियों के दिलों में भारतीय हॉकी के प्रति गर्व और उम्मीद का एक नया संचार किया है.
राजगीर में खेलों का नया युग
राजगीर, जहां पहले केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व था, अब खेलों की दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है. यहां के स्टेडियम में आयोजित इस फाइनल मुकाबले ने इसे खेलों के नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थल बना दिया है. खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच का जुड़ाव, उत्साह और प्रेम भारतीय हॉकी के प्रति एक नए दौर की शुरुआत को दिखाता है. यह टूर्नामेंट न केवल एक खेल प्रतियोगिता थी, बल्कि यह भारतीय हॉकी के उत्थान और विकास की एक मिसाल बनकर उभरी है.