Accenture ने तीन महीनों में 11,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की, कारण जानकर चौंक जाएंगे!

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Accenture lays off
Accenture lays off

कंसल्टेंसी दिग्गज Accenture ने पिछले तीन महीनों में चुपचाप अपनी संख्या में 11,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है और ऐसा लगता है कि यह प्रक्रिया जल्द ही समाप्त नहीं होगी. कंपनी एक व्यापक पुनर्गठन के दौर से गुजर रही है जिसका उद्देश्य भविष्य में AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए खुद को फिर से तैयार करना है जहां इंसानी कंसल्टेंट्स की बजाय AI प्रमुख भूमिका निभाएगा.

इस रिइन्वेंटर्स योजना के तहत Accenture ने $865 मिलियन (लगभग ₹7,669 करोड़) का एक बड़ा खर्च करने का ऐलान किया है और चेतावनी दी है कि यदि कर्मचारियों का पुनः प्रशिक्षण समय पर नहीं हुआ तो और छंटनी करनी पड़ेगी. CEO जूली स्वीट ने स्पष्ट किया है कि सबसे पहले पुनःस्किलिंग को प्राथमिकता दी जा रही है लेकिन हर कर्मचारी इस प्रक्रिया में सफल नहीं हो पाएगा.

छंटनी की संख्याएं और फाइनेंशियल एस्पेक्ट
अगस्त के अंत तक Accenture की वैश्विक कर्मचारी संख्या 7,79,000 रह गई जो तीन महीने पहले 7,91,000 थी. कंपनी ने पिछले तिमाही में $615 मिलियन का वेतन भत्ता और छंटनी संबंधी खर्च किया है. जबकि इस तिमाही में अतिरिक्त $250 मिलियन का खर्च अनुमानित है. कंपनी को उम्मीद है कि इस पुनर्गठन से $1 बिलियन से अधिक की बचत होगी.

AI में बढ़ता निवेश और रणनीति
इसी बीच Accenture AI क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. हाल ही में कंपनी ने बताया कि हाल के वित्तीय वर्ष में जेनरेटिव AI परियोजनाओं से $5.1 बिलियन के नए सौदे हुए जो पिछले वर्ष के $3 बिलियन से काफी ज्यादा हैं. जूली स्वीट ने कहा कि अब कंपनी के पास 77,000 AI और डेटा विशेषज्ञ हैं जो दो साल पहले की तुलना में लगभग दोगुने हैं. इन्हें कंपनी रिइन्वेंटर्स कहती है और इन्हें भविष्य की नींव मानती है.

चुनौतीपूर्ण बदलाव का प्रभाव
Accenture का यह कदम व्यापक बदलाव की ओर इशारा करता है जहां पारंपरिक कंसल्टेंसी मॉडल धीरे-धीरे कम हो रहा है. बजट में कटौती, अमेरिकी सरकारी ठेकों में कमी, और AI के जरिए कार्यकुशलता बढ़ाने की संभावनाएं इस बदलाव को तेज कर रही हैं. कर्मचारी के लिए संदेश स्पष्ट है अडैप्ट करो या नौकरी खो दो. वहीं कंपनी अपने ग्राहकों को डिजिटल भविष्य की चुनौतियों से निपटने का भरोसा देती है.

Accenture का यह रिइन्वेंटर्स संकेत है कि कंसल्टेंसी उद्योग में भी AI के प्रभाव से इंसानी संसाधनों की भूमिका धीरे-धीरे कम हो रही है. भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या डिजिटल कौशल वाले कम कर्मचारी भी कंपनी की विशाल ग्राहक सूची को संभाल पाएंगे.

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