आम आदमी को बड़ी राहत, खत्म होंगे GST के 12% और 28% दो स्लैब; GoM ने दी मंजूरी

0
31

सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रही है. हाल ही में आयोजित मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक में केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव पर सहमति बनी, जिसमें GST दरों को तर्कसंगत बनाने की बात कही गई थी. बैठक में यह सुझाव दिया गया कि वर्तमान में मौजूद चार टैक्स स्लैब को घटाकर केवल दो मुख्य स्लैब में परिवर्तित किया जाए.

अब केवल 5% और 18% स्लैब होंगे लागू

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित छह-सदस्यीय इस मंत्रिसमूह ने सिफारिश की कि GST के अंतर्गत अब सिर्फ 5% और 18% के दो स्लैब रखे जाएं. इस प्रस्ताव के तहत, आवश्यक वस्तुओं और जनोपयोगी सेवाओं पर 5% कर लगेगा, जबकि सामान्य वस्तुएं और सेवाएं 18% स्लैब में शामिल होंगी. इसके अलावा, कुछ लक्जरी वस्तुओं और विशेष श्रेणी के उत्पादों के लिए 40% की अधिकतम कर दर बनाए रखने का भी सुझाव दिया गया है.

12% और 28% स्लैब होंगे खत्म

इस निर्णय के लागू होने पर, लगभग 99% ऐसी वस्तुएं, जो अभी तक 12% के स्लैब में आती थीं, उन्हें 5% की दर में शामिल किया जाएगा. वहीं, जो वस्तुएं पहले 28% टैक्स स्लैब के अंतर्गत आती थीं, उनमें से करीब 90% को अब 18% की दर पर टैक्स देना होगा. यह बदलाव न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि इससे व्यापार जगत और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी.

लग्जरी वस्तुओं पर रहेगा ऊंचा टैक्स

बैठक में यह भी सुझाव आया कि लग्जरी कारों और कुछ हानिकारक वस्तुओं (जैसे तंबाकू उत्पाद) पर 40% की कर दर लागू रहनी चाहिए. इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों के वित्त मंत्रियों का भी समर्थन प्राप्त हुआ है.

करदाताओं की संख्या बढ़ाने की कोशिश

राज्यों के मंत्रियों का मानना है कि इस संशोधन से टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और अधिक लोग टैक्स भरने के लिए प्रेरित होंगे. यह विशेष रूप से छोटे कारोबारियों और खुदरा व्यापारियों के लिए लाभकारी होगा, क्योंकि टैक्स की गणना और अनुपालन पहले से अधिक सरल हो जाएगा.

निर्मला सीतारमण का बयान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बदलाव को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि GST दरों को तर्कसंगत बनाकर सरकार आम जनता को राहत देना चाहती है. उनके अनुसार, इस नए मॉडल से वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आएगी, जिससे महंगाई पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी. साथ ही, कर प्रणाली और अधिक सरल और पारदर्शी हो सकेगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here