Shubhanshu Shukla meets PM Modi: भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नई उपलब्धि जोड़ने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर उनसे मुलाकात की. शुभांशु हाल ही में ऐतिहासिक Axiom-4 मिशन का हिस्सा बनकर अंतरिक्ष से लौटे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान अपने अंतरिक्ष यात्रा के कुछ वीडियो टैबलेट पर दिखाए. पीएम मोदी ने शुक्ला से गर्मजोशी से हाथ मिलाया और फिर उन्हें गले भी लगाया.
वापसी के बाद भारत में हुआ भव्य स्वागत
आपको बता दें कि शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपनी 18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर लौटे थे. पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण ताकत से फिर से सामंजस्य बैठाने के लिए वह ह्यूस्टन, अमेरिका में कुछ दिन रहे और अब भारत लौटे हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर उनका स्वागत केंद्रीय विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया. यहां पर मौजूद लोगों ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया और उन्होंने मुस्कुराते हुए कैमरों के लिए पोज भी दिए.
ISRO अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ स्वागत
ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और ह्यूमन स्पेसफ्लाइट सेंटर के निदेशक DK सिंह सहित कई अधिकारी एयरपोर्ट पर मौजूद थे. उनके साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर भी थे, जो Axiom-4 मिशन में शुक्ला के बैकअप के रूप में शामिल थे.
ISS पर जाने वाले पहले भारतीय बने शुभांशु
Axiom-4 मिशन के ज़रिए शुभांशु शुक्ला, विंग कमांडर राकेश शर्मा के 40 साल बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बने और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय भी. वहां उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में कई वैज्ञानिक प्रयोग किए, जो विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
गगनयान मिशन की तैयारी का हिस्सा
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के गगनयान मिशन की तैयारी का एक महत्वपूर्ण कदम है. यह मिशन पूरी तरह भारतीय अंतरिक्ष यान के जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा. भारत 2035 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन स्थापित करने की योजना भी बना चुका है. इस मिशन में शुक्ला के साथ अन्य तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री प्रशांत नायर, अजित कृष्णन और अंगद प्रताप भी शामिल होंगे.
23 अगस्त को फिर से राजधानी आएंगे यात्री
भारत में 23 अगस्त को ‘स्पेस डे’ के रूप में मनाया जाएगा, जो चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की वर्षगांठ है. इस अवसर पर शुभांशु शुक्ला समेत गगनयान टीम के सभी सदस्य एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी लौटेंगे और इस ऐतिहासिक क्षण को देश के साथ साझा करेंगे.
यह क्यों है भारत के लिए खास?
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा सिर्फ एक वैज्ञानिक मिशन नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है. यह मिशन आने वाले वर्षों में भारत के अंतरिक्ष अभियानों की नींव तैयार करेगा.