कौन हैं कमांडर प्रेरणा देवस्थली, जो KBC में आएंगी नजर?

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Commander Prerna Deosthalee
Commander Prerna Deosthalee

Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कौन बनेगा करोड़पति सीजन 17 का एक ऐतिहासिक एपिसोड शुक्रवार रात 9 बजे प्रसारित होगा, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की तीन जांबाज महिला अधिकारी मंच पर शिरकत करेंगी. इनमें सबसे खास चेहरा होंगी भारतीय नौसेना की कमांडर प्रेरणा देवस्थली, जिन्होंने इतिहास रचते हुए पहली महिला के रूप में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की कमान संभाली है.

मुंबई की गलियों से नौसैनिक शौर्य तक का सफर तय करने वाली प्रेरणा देवस्थली की कहानी साहस, समर्पण और नेतृत्व का अनूठा उदाहरण है. देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली ये अधिकारी ना केवल पेशेवर मोर्चे पर बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी अनुशासन और संतुलन की मिसाल पेश करती हैं.

मुंबई से समंदर तक की यात्रा

मुंबई में जन्मी और पली-बढ़ी प्रेरणा देवस्थली का बचपन अनुशासन और देशभक्ति से भरे माहौल में बीता. कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज, मुंबई से मनोविज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. मानव व्यवहार और संकट प्रबंधन की उनकी गहरी समझ ने नौसैनिक अभियानों के दौरान उन्हें हमेशा आगे रखा.

नौसेना में कई ‘पहली’ उपलब्धियां

2009 में भारतीय नौसेना के एविएशन ब्रांच में ऑब्जर्वर के रूप में शामिल होकर उन्होंने कई बाधाएं तोड़ीं. वे TU-142 मैरिटाइम रिकॉनिसेंस एयरक्राफ्ट की पहली महिला ऑब्जर्वर बनीं और बाद में P-8I एयरक्राफ्ट पर अहम मिशनों में भी हिस्सा लिया. दिसंबर 2023 के नौसेना दिवस पर प्रेरणा ने इतिहास रचते हुए वॉटरजेट FAC INS त्रिनकाट की कमान संभाली. पश्चिमी बेड़े के तहत Rear Admiral प्रवीण नायर ने उन्हें औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंपा.

इस पल को और भी खास बना दिया उनके भाई, कमांडर ईशान देवस्थली की नियुक्ति ने, जिन्होंने उसी समय दूसरे युद्धपोत INS विभूति की कमान संभाली. ये भारतीय नौसेना के इतिहास में पहला मौका था जब भाई-बहन एक साथ युद्धपोत के कमांडर बने.

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की अंदरूनी कहानी

KBC के इस स्पेशल एपिसोड में प्रेरणा के साथ भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी मौजूद होंगी. तीनों अधिकारी पहली बार पर्दे पर ऑपरेशन सिंदूर के भीतर की रोमांचक और रणनीतिक कहानी साझा करेंगी, जो पहलगाम हमले के बाद अंजाम दिया गया एक तेज और असरदार काउंटर-टेरर ऑपरेशन था.

प्रेरणा का स्तंभ बनीं ‘प्रेरणा’

एक समर्पित अधिकारी, पत्नी और मां के रूप में प्रेरणा देवस्थली ने अपने जीवन में जिम्मेदारियों का संतुलन बखूबी साधा है. मीडिया में कम उपस्थिति रखने के बावजूद उनकी उपलब्धियां उन्हें देशभर की युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाती हैं. वे साबित करती हैं कि साहस और संकल्प के साथ हर बाधा को पार किया जा सकता है.

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