Janamashtami 2025: क्या वाकई श्रीकृष्ण की 16108 पत्नियां थीं? जानिए इसके पीछे की कथा

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Janamashtami 2025
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Janamashtami 2025: जन्माष्टमी के पर्व को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 16 अगस्त को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. मथुरा, वृंदावन समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस दिन भव्य आयोजन होते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे हुआ था.  माना जाता है श्रीकृष्ण की कुल 16,108 पत्नियां और डेढ़ लाख से भी अधिक संतानें थीं. आइए जानते हैं कि इस विषय पर पुराणों में क्या लिखा है.

पुराणों के अनुसार, एक समय भूमासुर नामक दैत्य ने अमरत्व पाने के लिए 16,000 कन्याओं की बलि देने का निर्णय लिया. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने इस पाप को होने से पहले ही भूमासुर का वध कर दिया और सभी कन्याओं को कारावास से मुक्त करवाया. हालांकि, यह मुक्ति उन कन्याओं के लिए अभिशाप साबित हुई. घर लौटने पर परिवार और समाज ने उन्हें चरित्रहीन कहकर अपनाने से इनकार कर दिया.

श्री कृष्ण ने 16000 कन्याओं से किया विवाह

समाज में अपमानित और बहिष्कृत होने से बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने 16,000 रूप धारण किए और एक साथ सभी कन्याओं से विवाह कर लिया. कुछ कथाओं में यह भी कहा गया है कि कन्याओं ने स्वयं कृष्ण को अपना पति मान लिया, लेकिन कृष्ण ने उन्हें केवल संरक्षण दिया और पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया.

रुक्मणी और अन्य पटरानियां

महाभारत की कथा में वर्णन है कि विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणी भगवान कृष्ण से प्रेम करती थीं. रुक्मणी का हरण कर श्रीकृष्ण ने उनसे विवाह किया. इसी प्रकार, पांडवों से मिलने इंद्रप्रस्थ पहुंचे श्रीकृष्ण एक दिन अर्जुन के साथ वन विहार पर गए, जहां सूर्य की पुत्री कालिंदी तपस्या कर रही थीं. उनकी इच्छा पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण ने उनसे भी विवाह किया.

भगवान कृष्ण की आठ प्रमुख पत्नियां

शास्त्रों में भगवान की आठ प्रमुख पत्नियों को पटरानियां कहा गया है-

रुक्मणी
जाम्बवन्ती
सत्यभामा
कालिन्दी
मित्रबिन्दा
सत्या
भद्रा
लक्ष्मणा

कथाओं के अनुसार, कृष्ण की प्रत्येक पत्नी से 10 पुत्र और 1 पुत्री उत्पन्न हुई. इस प्रकार उनके 1,61,080 पुत्र और 16,108 पुत्रियां थीं.

DISCLAIMER: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है. The India Press इसकी किसी भी प्रकार से पुष्टि नहीं करता है.

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