दूसरी सरकारों ने दी थी सिर्फ ज़ुबान की चोट, मान सरकार ने दलितों को बना दिया पंजाब का ‘गौरव’

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पंजाब की मिट्टी में सदियों से मेहनत, संघर्ष और उम्मीद की कहानी बसती है. लेकिन इन कहानियों के बीच समाज का एक बड़ा वर्ग  अनुसूचित जाति (एस.सी.) समुदाय वर्षों तक उपेक्षा और असमानता की मार झेलता रहा. भगवंत मान के नेतृत्व में जब आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता संभाली, तो उन्होंने सिर्फ़ शासन नहीं, बल्कि सेवा का वादा किया. उन्होंने कहा था  सरकार जनता की होती है, और जनता में सबसे पहले वो लोग आते हैं जिनकी आवाज सबसे कम सुनी जाती है.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच है कि किसी को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा. इसी वादे के साथ उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों के लिए कई ऐतिहासिक योजनाएं शुरू की हैं  ताकि वे न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत बनें, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ सकें.

 करोड़ों के पुराने कर्ज माफ, 4,700 से अधिक परिवारों को राहत

मान सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया. पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास एवं वित्त निगम (PSCFC) से लिए गए ₹68 करोड़ तक के कर्ज माफ कर दिए. इस निर्णय से 4,727 परिवारों को लगभग ₹67.84 करोड़ की राहत मिली है. यह कदम केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान की दिशा में एक मजबूत संदेश है. वर्षों से कर्ज के बोझ तले दबे परिवारों को अब नई उम्मीद मिली है. यह पहल बताती है कि मान सरकार के लिए दलित समाज का कल्याण सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि एक सच्ची जिम्मेदारी है.

आशीर्वाद योजना से बेटियों के सपनों को पंख

दलित समाज की बेटियों के भविष्य को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने आशीर्वाद योजना शुरू की है. यह सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि सम्मान और अवसर देने की पहल है. इस योजना के तहत एस.सी. वर्ग की बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में सहायता दी जा रही है, साथ ही उनकी शादी के लिए परिवारों को ₹51,000 की राशि प्रदान की जाती है. यह कदम उस सोच का प्रतीक है जो कहती है कि हर बेटी समान हक और सम्मान की पात्र है.

 दो लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ

दलित परिवारों के बच्चों की शिक्षा का बोझ हल्का करने के लिए राज्य सरकार ने अब तक 2 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की है. डॉ. बी.आर. अंबेडकर छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से आवेदन और भुगतान की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी है.

वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने ₹267.54 करोड़ जारी किए हैं, जिससे 2,37,456 छात्रों को सीधा लाभ मिला है. आने वाले वर्ष 2025-26 के लिए लगभग ₹245 करोड़ का बजट तय किया गया है, जिसमें 2.70 लाख छात्रों को शामिल करने का लक्ष्य है.

 स्कॉलरशिप स्कीम

मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शी सोच का उदाहरण है पंजाब ओवरसीज़ स्कॉलरशिप स्कीम, जो सितंबर 2025 में शुरू की गई. इस योजना के तहत एस.सी. वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को दुनिया के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा.
सरकार उनकी पूरी वित्तीय जरूरतें ट्यूशन फीस, वीज़ा शुल्क, हवाई किराया, बीमा और ₹13.17 लाख का वार्षिक भत्ता वहन करेगी.
यह योजना केवल छात्रवृत्ति नहीं, बल्कि दलित सशक्तिकरण की वैश्विक दिशा है, जिससे पंजाब के युवा अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बना रहे हैं.

 SCSP योजना के तहत विशेष बजट आवंटन

SCSP के अंतर्गत वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने ₹13,836 करोड़ का बजट निर्धारित किया. यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, कर्जमाफी और रोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में निवेश की गई. यह दर्शाता है कि पंजाब सरकार अनुसूचित जाति समुदाय के विकास को प्राथमिकता देती है.

 मान सरकार में एस.सी. मंत्रियों की सक्रिय भूमिका

मान सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री अनुसूचित जाति समुदाय से हैं, जो अपने अनुभव और संवेदनशीलता से इन योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचा रहे हैं. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विकास केवल कागज पर नहीं, बल्कि हर गांव और हर परिवार तक पहुंचे.

 पंजाब में नया सामाजिक परिवर्तन

मान सरकार की नीतियां अनुसूचित जाति समुदाय के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला रही हैं. अब दलित समाज न तो हाशिए पर है, न ही पीछे बल्कि विकास की मुख्यधारा में है. यह परिवर्तन केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सम्मान, आत्मविश्वास और सामाजिक न्याय की नई कहानी है. भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब यह साबित कर रहा है कि जब शासन में संवेदना हो, तो समाज का सबसे कमजोर वर्ग भी सशक्त होकर आगे बढ़ सकता है.

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