राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके से एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक बुजुर्ग दंपति को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया और उनसे 6.22 लाख रुपये की ठगी कर ली. ठगों ने बुजुर्ग महिला को पूरी रात वीडियो कॉल पर बैठाए रखा और अगले दिन पति को भी कॉल पर जोड़कर बैंक खातों के नाम पर फर्जी पूछताछ करते हुए पैसों को उड़ा डाला. घटना की शिकायत पर द्वारका जिला साइबर थाना पुलिस ने 20 सितंबर को मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. यह मामला लोगों को सचेत करता है कि कैसे तकनीक का दुरुपयोग कर ठग मानसिक दबाव बनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं.
कैसे फंसी बुजुर्ग महिला
पीड़ित महिला सीता देवी जो द्वारका के महावीर एन्क्लेव में रहती हैं उन्होनें ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आया. कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि मैं मुंबई से बोल रहा हूं आपके नाम से केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है जिसमें दो करोड़ रुपये आए हैं. अब आपको इसके लिए जवाब देना होगा. जब महिला ने इनकार किया कि उनका ऐसा कोई खाता नहीं है. तो आरोपी ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि आपके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों से ही खाता खोला गया है और आप पर जल्द ही कार्रवाई होगी.
डिजिटल अरेस्ट
सीता देवी ने आगे बताया कि उन्होंने यह भी कहा कि कभी किसी को अपने दस्तावेज नहीं दिए हैं और संभव है कि उनके आईडी का दुरुपयोग किया गया हो. इसके बावजूद, आरोपी ने उन्हें यह कहकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया कि अब आपको कैमरे के सामने बैठे रहना है, जब तक जांच पूरी नहीं होती. बुजुर्ग महिला को पूरी रात वीडियो कॉल के सामने बैठा दिया गया और इस दौरान आरोपी गायब हो गए.
अगली सुबह पति को भी फंसाया
अगले दिन सुबह आरोपी दोबारा वीडियो कॉल पर महिला के पति को भी जोड़ लिया. उन्होंने कहा कि आपके नाम से दो बैंक खाते खोले गए हैं एक में 10 लाख और दूसरे में 2 करोड़ रुपये हैं. पूछताछ के बहाने उन्होंने दोनों से बैंक डिटेल्स लीं और फिर उनके खातों से 6.22 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए. जैसे ही पैसे ट्रांसफर हो गए, आरोपी ने कॉल काट दी और फोन बंद कर दिया. तब जाकर बुजुर्ग दंपति को ठगी का अहसास हुआ.
पुलिस शिकायत
शॉक की स्थिति में पहुंचे दंपति ने तुरंत अपने परिजनों को सूचना दी जिन्होंने मिलकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. द्वारका साइबर थाना पुलिस ने 20 सितंबर को केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति अगर खुद को अधिकारी बताकर कॉल करता है और वीडियो कॉल या दस्तावेज की मांग करता है, तो बिना पुष्टि के कभी भी निजी जानकारी साझा न करें. किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर या नजदीकी पुलिस स्टेशन में सूचना दें.