जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर इस हफ्ते फिर से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पाकिस्तानी सैनिकों ने कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में गोलीबारी की, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. सेना ने लगभग बीस राउंड फायरिंग कर जवाबी कार्रवाई की, हालांकि इस घटना में किसी भी प्रकार के हताहत की खबर नहीं है.
फायरिंग की घटनाएं
सैन्य सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी चौकियों से कुल चार राउंड फायरिंग की गई. भारतीय जवानों ने तत्काल जवाबी कार्रवाई करते हुए लगभग बीस राउंड फायर किए. इस घटना को फिलहाल औपचारिक रूप से सीजफायर उल्लंघन नहीं माना जा रहा है. सेना की ओर से अभी तक इस पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
पुंछ में घुसपैठ नाकाम
इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में भारतीय सेना ने एक संदिग्ध घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया था. उस दौरान भी दोनों ओर से छोटे हथियारों से फायरिंग हुई. भारतीय सेना ने बताया कि 1 सितंबर को सुबह लगभग 5:30 बजे व्हाइट नाइट कॉर्प्स के जवानों ने संदिग्ध गतिविधि देखी. जवानों की सतर्कता के कारण घुसपैठ का प्रयास विफल हो गया. इसके बाद इलाके में निगरानी और गश्त को और बढ़ा दिया गया.
सेना की सतर्कता
भारतीय सेना का कहना है कि नियंत्रण रेखा पर लगातार चौकसी बढ़ाई जा रही है. सभी चौकियों को डोमिनेशन मोड में रखा गया है. इसका उद्देश्य हर गतिविधि पर नजर रखना और किसी भी घुसपैठ या अनधिकृत गतिविधि को समय रहते रोकना है. सेना ने कहा कि सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं.
सीजफायर समझौता
2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते को फिर से लागू करने पर सहमति बनी थी. इसके बाद सीमा पर अपेक्षाकृत शांति बनी रही थी. लेकिन हाल के महीनों में घुसपैठ और फायरिंग की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिससे नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ गया है.
संभावित कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादियों की गतिविधियों के चलते सीमा पर तनाव बढ़ सकता है. ऐसे में LoC पर छोटी-छोटी फायरिंग और घुसपैठ की घटनाओं में तेजी आ सकती है. भारतीय सेना ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और सीमा पर पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं.
जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर बढ़ती चौकसी और सतर्कता दोनों देशों के बीच तनाव को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. हालांकि हाल की घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि सीमा पर पूरी तरह से स्थायी शांति स्थापित करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.