CP Radhakrishnan: चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर चुके हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति का पदभार सौंपा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और एम वेंकैया नायडू, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी भी मौजूद रहे.
शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर को ऐतिहासिक और यादगार बताया. राधाकृष्णन की जीत को भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए की मजबूत राजनीतिक स्थिति के कारण पूर्वानुमानित माना जा रहा था.
152 मतों के अंतर से दर्ज की थी जीत
सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में 452 वोट हासिल कर अपनी जीत दर्ज की. उनके प्रतिद्वंद्वी, विपक्षी INDIA ब्लॉक के नामांकित और पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही मिले.
भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए के पास कागज पर 427 सांसद थे, और उन्हें यSR कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों तथा कुछ छोटे दलों का समर्थन भी मिला. इस तरह वे आवश्यक आधे से अधिक वोटों के निशान 377 को आसानी से पार कर गए. कुछ रिपोर्टों में उनके पक्ष में क्रॉस-वोटिंग की भी संभावना जताई गई.
उपराष्ट्रपति बनने से पहले का करियर
उपराष्ट्रपति बनने से पहले राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल थे. उन्होंने गुरुवार को महाराष्ट्र राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति मुर्मु ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी है, जब तक कि नया राज्यपाल नियुक्त नहीं हो जाता.
राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर से सांसद रह चुके हैं और पूर्व भाजपा तमिलनाडु प्रमुख भी रह चुके हैं. उनका राजनीतिक सफर लंबे समय से चला आ रहा है, जो जनसंघ से शुरू होकर भाजपा तक पहुंचा.
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को दिया था इस्तीफा
यह चुनाव अचानक हुए इस्तीफे के कारण आयोजित किया गया था. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि और अनुभव ने उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है.