CP Radhakrishnan: देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है. एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी को मात देकर बड़ी जीत हासिल की. चुनाव में राधाकृष्णन को 452 वोट मिले जबकि रेड्डी को 300 वोट ही मिल पाए. जीत के बाद उन्होंने इसे राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत करार दिया और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया.
उपराष्ट्रपति पद संभालने के बाद राधाकृष्णन को कई तरह की सरकारी सुविधाएं और विशेषाधिकार मिलने वाले हैं. इनमें बंगला, बुलेटप्रूफ गाड़ी, जेड प्लस सुरक्षा से लेकर विदेश यात्रा तक की सुविधाएं शामिल हैं. हालांकि, उपराष्ट्रपति को अलग से वेतन नहीं मिलता, बल्कि उन्हें राज्यसभा के सभापति के तौर पर सैलरी दी जाती है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
उपराष्ट्रपति की सैलरी कितनी होगी?
उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन को नियमित वेतन नहीं मिलेगा. उन्हें राज्यसभा के सभापति की भूमिका में वेतन दिया जाएगा. इस पद पर हर महीने 4 लाख रुपये सैलरी तय है. यही राशि राधाकृष्णन को मिलेगी.
बंगला, गाड़ी और सुरक्षा व्यवस्था
उपराष्ट्रपति को शानदार आधिकारिक बंगला दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें बुलेटप्रूफ सरकारी गाड़ी की सुविधा मिलेगी. सुरक्षा के लिहाज से उन्हें Z+ सिक्योरिटी कवर उपलब्ध कराया जाएगा, जो देश के सर्वोच्च सुरक्षा घेरों में से एक है.
यात्रा और भत्ते
सीपी राधाकृष्णन देश-विदेश की यात्राएं बिना किसी निजी खर्च के कर पाएंगे. उन्हें सरकारी खर्च पर यात्रा सुविधाएं, दैनिक भत्ता और अन्य प्रोटोकॉल भी मिलेंगे. साथ ही, चिकित्सा संबंधी सभी सुविधाएं भी पूरी तरह से सरकारी खर्च पर उपलब्ध होंगी.
पद छोड़ने के बाद पेंशन
कार्यकाल समाप्त होने के बाद उपराष्ट्रपति को पेंशन भी मिलती है. यह पेंशन राज्यसभा के पूर्व सभापति के रूप में दी जाती है, जो वेतन की लगभग आधी राशि (करीब 2 लाख रुपये प्रति माह) होती है. इसके साथ ही उन्हें आगे भी मेडिकल और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलती रहती हैं.
जीत पर राधाकृष्णन का बयान
जीत के बाद सीपी राधाकृष्णन ने कहा, “दूसरे पक्ष (विपक्षी गठबंधन) ने कहा कि यह (चुनाव) एक वैचारिक लड़ाई है, लेकिन मतदान के पैटर्न से हमें लगता है कि राष्ट्रवादी विचारधारा विजयी हुई है. यह हर भारतीय की जीत है, हम सभी को मिलकर काम करना होगा. अगर हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है तो विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा.”