Delhi Flood Update: दिल्ली में लगातार बारिश और बाढ़ ने आम लोगों की जिंदगी मुश्किल बना दी है. यमुना नदी इस सीजन में अपने पीक पर पहुंच चुकी है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सिविल लाइंस जैसे पॉश इलाके की सड़कों पर नावें चल रही हैं. हजारों लोग घर छोड़कर राहत शिविरों और सुरक्षित जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं.
गुरुवार देर रात यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुंच गया था, जिसके बाद इसमें मामूली गिरावट दर्ज हुई. शुक्रवार सुबह यह स्तर 207.33 मीटर पर दर्ज किया गया. हालांकि खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है, ऐसे में नदी अब भी खतरे के ऊपर बह रही है. प्रशासन का मानना है कि जलस्तर सामान्य होने में अभी एक-दो दिन का वक्त लग सकता है.
हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है. अनुमान है कि आने वाले समय में यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे और घटेगा. लेकिन तब तक बाढ़ का संकट टला नहीं है.
कश्मीरी गेट से मुखर्जी नगर तक पानी ही पानी
तेज बहाव की वजह से बाढ़ का असर कश्मीरी गेट, मुखर्जी नगर और नेहरू विहार जैसे इलाकों तक पहुंच चुका है. यहां की गलियों और सेंट्रल पार्क में दो फीट तक पानी भर गया है. जिन इलाकों में जलभराव बढ़ गया है, वहां से लोग सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट हो चुके हैं.
यमुना बाजार और मयूर विहार में दोहरी मार
यमुना बाजार और मयूर विहार फेज-1 के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी. पहले घर छोड़ना पड़ा, फिर राहत तंबुओं में पानी भर जाने के कारण लोगों को सरकारी स्कूलों में शरण लेनी पड़ी. एनडीआरएफ की टीमें नाव, ट्रैक्टर और ट्रॉली के ज़रिए फंसे हुए लोगों और मवेशियों को निकाल रही हैं.
स्टूडेंट्स और आम लोग परेशान
मुखर्जी नगर और नेहरू विहार इलाके के ज्यादातर स्टूडेंट्स को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह से ही पूरे हकीकत नगर इलाके की लाइट कटी हुई है. पानी दो-दो फीट तक भर गया है और शॉर्ट सर्किट का खतरा बना हुआ है. ऐसे में घर अंधेरे में डूबे हुए हैं और जरूरी कामकाज ठप है.
सीवरेज सिस्टम भी ठप
लगातार बारिश और बाढ़ के पानी ने सीवरेज सिस्टम को भी ठप कर दिया है. छत्रसाल और मॉडल टाउन का सीवरेज पानी मुखर्जी नगर इलाके की ओर बह रहा है. इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है.














