Delhi Traffic: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस वजह से राजधानी के कई निचले इलाकों में पानी भर गया है. गुरुवार सुबह सात बजे नदी का स्तर 207.48 मीटर दर्ज किया गया. नतीजतन, सड़कें, बाजार और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं. इससे स्थानीय लोगों और दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जलभराव और लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने राजधानी के कई रूट्स पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया है. सिग्नेचर ब्रिज से राजघाट तक यातायात रोक दिया गया है. वहीं, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी कश्मीरी गेट आने-जाने वालों को भी नए मार्ग अपनाने पड़ रहे हैं.
आउटर रिंग रोड पर ट्रैफिक जाम
यमुना का जलस्तर बढ़ने से आउटर रिंग रोड पर मजनू का टीला से लेकर सलीमगढ़ बाईपास तक यातायात गंभीर रूप से प्रभावित हुआ. बुधवार शाम वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलीं. ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इन रूट्स से बचें और वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें.
ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था
दिल्ली पुलिस ने वजीराबाद-सिग्नेचर ब्रिज और चांदगी राम अखाड़ा-आईपी कॉलेज रेड लाइट से आने वाले वाहनों को वैकल्पिक रास्तों पर मोड़ दिया है.
कश्मीरी गेट आईएसबीटी, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और लाल किला से आने वाले वाहन अब हनुमान सेतु के रास्ते आउटर रिंग रोड, राजा राम कोहली मार्ग और गीता कॉलोनी रोड की ओर भेजे जा रहे हैं.
राजघाट और शांति वन से आने वाले वाहनों को बेला रोड टी-पॉइंट से डायवर्ट कर रिंग रोड और गीता कॉलोनी की ओर मोड़ा गया है.
निगमबोध घाट में दाह संस्कार रुका
यमुना नदी का पानी दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्त श्मशान घाट निगमबोध घाट तक पहुंच गया है. अधिकारियों ने जानकारी दी कि बुधवार दोपहर बाद दाह संस्कार रोक दिए गए. केवल सुबह से शुरू हुई अंत्येष्टियां ही पूरी कराई गईं. यहां 42 दाह स्थल हैं, जहां औसतन प्रतिदिन 55 से 60 अंतिम संस्कार होते हैं. बढ़ते जलस्तर ने व्यवस्थाओं को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है.
रेलवे पुल बंद, ट्रेनें रद्द और डायवर्ट
यमुना का पानी बढ़ने के चलते लोहे के रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. इससे पुरानी दिल्ली के यमुना ब्रिज स्थित पुल संख्या 249 पर आवागमन प्रभावित हुआ. रेलवे ने एहतियातन 40 ट्रेनों को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया, जबकि 34 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है.
राहत केंद्रों में शिफ्ट किए गए लोग
जलभराव से प्रभावित परिवारों को अलग-अलग राहत केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है. हालांकि, असली चुनौती उनके लिए तब होगी जब नदी का जलस्तर घटने लगेगा, क्योंकि उन्हें अपने घरों और जीवन को पटरी पर लाने के लिए दोबारा संघर्ष करना होगा.