ऑस्ट्रेलिया और ईरान के बीच राजनयिक तनाव नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने घोषणा की कि उनके देश ने ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया है. उन पर मेलबर्न और सिडनी में बढ़ते यहूदी-विरोधी हमलों के पीछे होने का गंभीर आरोप लगाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरानी राजदूत समेत तीन अन्य अधिकारियों को देश छोड़ने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. इजरायल-गाजा संघर्ष की शुरुआत के बाद से ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी अपराधों में तेजी आई है. जनवरी 2025 तक की रिपोर्ट्स बताती हैं कि पुलिस ने ऐसे मामलों में 40 लोगों को गिरफ्तार किया और आठ लोगों को आगजनी से जुड़े अपराधों में पकड़ा है.
प्रधानमंत्री अल्बानीज का सख्त रुख
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि ऑस्ट्रेलियाई धरती पर एक विदेशी राष्ट्र द्वारा अंजाम दी गई ये असाधारण और खतरनाक आक्रामकता की घटनाएं थीं. ये सामाजिक एकता को कमजोर करने और हमारे समुदाय में कलह पैदा करने की कोशिशें थीं.
ईरानी राजनयिकों को निष्कासन का आदेश
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने न केवल ईरानी राजदूत को निष्कासित किया है, बल्कि तेहरान स्थित अपने दूतावास का संचालन भी निलंबित कर दिया है. प्रधानमंत्री अल्बानीज ने यह भी घोषणा की कि सरकार तेहरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी संगठन घोषित करेगी.
बढ़ते यहूदी-विरोधी हमले
पिछले कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं. अक्टूबर 2024 में सिडनी की एक यहूदी बेकरी की दीवारों पर यहूदी-विरोधी भित्तिचित्र बनाए गए. इसके अगले महीने शहर के यहूदी बहुल इलाकों में कई कारों को आग के हवाले कर दिया गया और तोड़फोड़ की गई.
मेलबर्न में आराधनालय और रेस्तरां पर हमला
कुछ और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मेलबर्न में हाल ही में एक आराधनालय को निशाना बनाया गया. प्रदर्शनकारियों ने दरवाजे पर ज्वलनशील तरल डालकर आग लगा दी. उस समय लगभग 20 लोग अंदर मौजूद थे लेकिन सौभाग्य से कोई भी घायल नहीं हुआ. इसके अलावा, जुलाई 2025 में एक इजराइली रेस्तरां पर भी हमला किया गया, जब यहूदी समुदाय शब्बत डिनर मना रहा था.