मान सरकार ने उद्योगपतियों को दी बड़ी राहत

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पंजाब : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लंबे समय से संकट झेल रहे उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए एक ऐतिहासिक वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना लागू की है. यह योजना उन 1,145 औद्योगिक प्लॉट धारकों के लिए राहत की सांस लेकर आई है, जो बीते चार दशकों से बढ़ी हुई जमीन लागत और बकाया मूल राशि के कारण कानूनी और आर्थिक दबाव में थे. पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन द्वारा संचालित यह योजना 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी और इससे उद्योग क्षेत्र को लगभग 410 करोड़ रुपये की राहत मिलने की संभावना है.

सरकार की तेज कार्यशैली और उद्योग-समर्थक सोच

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने मुख्यमंत्री भगवंत मान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल की मंजूरी के केवल दस दिनों के भीतर योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई, जो सरकार की त्वरित निर्णय क्षमता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यह योजना उन औद्योगिक इकाइयों के लिए नया अवसर लेकर आई है जो वर्षों से आर्थिक बोझ के कारण ठप पड़ी थीं. सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह उद्योगों के साथ खड़ी है और उनके पुनरुद्धार के लिए ठोस कदम उठा रही है.

डिफॉल्टर उद्योगपतियों को ‘सेकंड चांस’

इस OTS योजना की सबसे अहम विशेषता यह है कि जिन उद्योगपतियों के प्लॉट पहले ही रद्द हो चुके हैं, उन्हें भी अपनी बकाया राशि चुकाकर पुनः प्लॉट हासिल करने का अवसर दिया गया है. योजना के तहत केवल 8 प्रतिशत साधारण ब्याज लिया जाएगा, जबकि 100 प्रतिशत दंडात्मक ब्याज पूरी तरह माफ किया गया है. यह सुविधा 1 जनवरी 2020 से पहले आवंटित सभी औद्योगिक, शेड और आवासीय प्लॉटों पर लागू होगी, जिससे सैकड़ों छोटे और मध्यम उद्यमियों को फिर से खड़े होने का अवसर मिलेगा.

उद्योग जगत में बढ़ा भरोसा, नेताओं की प्रतिक्रिया

लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने इस योजना को उद्योग क्षेत्र के लिए “गेम चेंजर” बताया. उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठा रहे थे और अब इसका समाधान निकलना उद्योगपतियों के विश्वास की जीत है. उनके अनुसार, वर्षों से अनिश्चितता में जी रहे उद्यमी अब आत्मविश्वास के साथ अपने कारोबार को दोबारा शुरू कर सकेंगे, खासकर लुधियाना जैसे औद्योगिक शहरों में इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा.

जमीनी स्तर पर सकारात्मक असर

राज्य के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से इस योजना को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कई उद्योगपतियों ने बताया कि लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद, आर्थिक दबाव और अनिश्चित भविष्य ने उनके कारोबार को कमजोर कर दिया था. अब OTS योजना ने उन्हें न केवल वित्तीय राहत दी है, बल्कि भविष्य की नई संभावनाएं भी खोली हैं. उद्योग संघों का मानना है कि इससे बंद पड़ी इकाइयां फिर से शुरू होंगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

पंजाब की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति

आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, इस योजना से राज्य की औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी और हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. लंबे समय से अटकी हुई औद्योगिक इकाइयों के पुनः संचालन से राज्य की GDP में भी सकारात्मक योगदान होगा. वहीं PSIEC को बकाया राशि मिलने से उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, जिससे भविष्य में नई औद्योगिक परियोजनाओं का रास्ता खुलेगा.

सुगम प्रक्रिया और स्पष्ट शर्तें

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए PSIEC ने एक विशेष वर्चुअल हेल्प डेस्क भी शुरू की है, ताकि उद्योगपतियों को आवेदन और भुगतान प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी न हो. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि मूल राशि में कोई छूट नहीं दी जाएगी, लेकिन दंडात्मक ब्याज की पूरी माफी और कम ब्याज दर उद्योगपतियों के लिए बड़ी राहत है. तय समय सीमा में भुगतान न करने की स्थिति में पुरानी शर्तों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

उद्योग-अनुकूल पंजाब की दिशा में मजबूत कदम

मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार पहले से ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और निवेशक-अनुकूल नीतियों पर काम कर रही है. यह OTS योजना उसी श्रृंखला का एक अहम हिस्सा मानी जा रही है. उद्योग मंत्री के अनुसार, यह पहल पंजाब को उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक साबित होगी.

अंतिम तिथि से पहले लाभ उठाने की अपील

31 दिसंबर 2025 की समय सीमा को देखते हुए सरकार और उद्योग संगठनों ने सभी पात्र उद्योगपतियों से अपील की है कि वे समय रहते इस योजना का लाभ उठाएं. यह योजना न केवल पुराने विवादों का समाधान है, बल्कि भविष्य में एक मजबूत औद्योगिक वातावरण की नींव भी रखती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह योजना सफल रहती है, तो अन्य राज्य भी इसे मॉडल के रूप में अपनाने पर विचार कर सकते हैं.

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