Swami Chaitanyananda harassment case: दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की महिला छात्राओं ने स्व-घोषित योगी और लेखक स्वामी चैतन्या नंद सरस्वती के खिलाफ यौन उत्पीड़न और धमकाने के आरोप लगाए हैं. एक FIR दर्ज कराई गई है जिसमें कहा गया है कि कई छात्राओं को रात के समय स्वामी के क्वार्टर में जाने के लिए मजबूर किया गया और एक छात्रा को अपना नाम तक बदलने पर मजबूर होना पड़ा. यह मामला तब सामने आया जब इंस्टिट्यूट के प्रबंधन ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया गया कि स्वामी ने छात्राओं को धमकी दी कि अगर वे उसके प्रति निष्ठा नहीं दिखाएंगी तो उन्हें निलंबित किया जाएगा या डिग्री रोक दी जाएगी.
छात्राओं ने लगाए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप
दरअसल, FIR के अनुसार, स्वामी चैतन्यनंद, जिनका असली नाम स्वामी (डॉ.) पार्थसारथी था, ने ऑनलाइन एक वर्चुअल संवाद के दौरान लगभग 30 महिला छात्राओं के साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया. एक 21 वर्षीय छात्रा, जो छात्रवृत्ति पर थी, ने बताया कि पहली बार जब उन्होंने स्वामी से मुलाकात की, तो स्वामी ने उन्हें अजीब नजरों से देखा और उनका मनोबल तोड़ा. घायल होने पर उनके मेडिकल रिकॉर्ड मांगने के बाद स्वामी ने असामयिक और आपत्तिजनक मैसेज भेजना शुरू कर दिया. इनमें प्रेम जताने वाले संदेश और उनकी निजी सूरत-संवार की तारीफें शामिल थीं.
स्वामी ने मैसेज टैग करके जवाब देने को किया मजबूर
जब छात्रा ने इन संदेशों का जवाब नहीं दिया, तो स्वामी ने मैसेज टैग करके जवाब देने पर मजबूर किया. छात्रा ने यह भी कहा कि जब उन्होंने अपनी समस्या असोसिएट डीन के सामने रखी, तो उन्हें कहा गया कि चूंकि स्वामी उच्च पद पर हैं, इसलिए जवाब देना जरूरी है. इसके अलावा, जब उन्होंने विरोध किया तो उनकी उपस्थिति पर मनमाने तरीके से नोटिस जारी किए गए और परीक्षाओं में मार्क्स भी कम कर दिए गए. मार्च 2025 में, स्वामी ने एक नई बीएमडब्ल्यू कार खरीदी और छात्राओं के साथ ऋषिकेश की यात्रा के दौरान भी आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं.
साक्ष्य मिटाने और नाम बदलवाने की कोशिशें
यात्रा के बाद तीन वरिष्ठ महिला शिक्षिकाओं ने पीड़िता को स्वामी के साथ हुई चैट्स हटाने के लिए दबाव डाला. होली के बाद स्वामी ने कार्यालय बुलाकर उसे ‘बेबी’ कहकर संबोधित किया और जब छात्रा ने मना किया तो स्वामी ने उसका वीडियो रिकॉर्ड करके व्हाट्सएप पर भेजा. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को रात में स्वामी के क्वार्टर में जाने के लिए मजबूर किया गया. एक छात्रा को अपना नाम बदलने पर भी मजबूर किया गया और संदेश मिटाने के लिए दबाव बनाया गया.
पुलिस जांच और फरार आरोपी की तलाश
वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं और देश छोड़ने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है. साथ ही, आरोपी से जुड़े एक मामले में फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी एक वोल्वो कार भी बरामद की गई है. इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं एक यौन उत्पीड़न की और दूसरी फर्जी नंबर प्लेट को लेकर. स्वामी के साथ तीन महिला वार्डन भी आरोपी हैं, जिन्होंने छात्राओं को दबाव में लेकर उनके खिलाफ साक्ष्य मिटवाने में मदद की.
संस्थान और आध्यात्मिक संस्था की प्रतिक्रिया
स्वामी चैतन्यनंद का श्री शारदा इंस्टिट्यूट से संबंध होने के अलावा वे कर्नाटक के श्रीश्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नया श्री शारदा पीठम से भी जुड़े थे. इस संस्था ने सार्वजनिक रूप से उनसे दूरी बनाई है और उनके आरोपों से खुद को अलग ठहराया है. स्वामी ने अब तक 28 पुस्तकें लिखी हैं, जिनके प्रस्तावना और समीक्षाएँ प्रसिद्ध व्यक्तित्वों द्वारा की गई हैं, लेकिन इस विवाद ने उनकी छवि को गंभीर आघात पहुंचाया है.