H-1B वीजा में लॉटरी प्रणाली को खत्म करने के लिए ट्रंप प्रशासन ने रखे नए प्रस्ताव…जारी किए नियम

H-1B visa Reform : डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा प्रक्रिया में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है, जिसमें अब लॉटरी प्रणाली के बजाय वेतन और कौशल आधारित चयन होगा. उच्च वेतन और अधिक कुशल उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलेगी. USCIS के इस कदम से भारतीय पेशेवरों पर खास प्रभाव पड़ेगा. यह प्रस्ताव विदेशी कर्मचारियों के चयन में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया है.

0
28
H-1B visa Reform
H-1B visa Reform

H-1B visa Reform : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एच-1बी वीजा प्रणाली में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है. इस बदलाव के तहत मौजूदा लॉटरी सिस्टम को समाप्त कर दिया जाएगा और इसके स्थान पर एक नई चयन प्रक्रिया लागू होगी, जो पूरी तरह से उम्मीदवार के कौशल और वेतन स्तर पर आधारित होगी. इस प्रस्ताव का उद्देश्य अमेरिका में अधिक दक्ष और उच्च वेतन पाने वाले पेशेवरों को प्राथमिकता देना है.

अब स्किल और सैलरी तय करेगी…
दरअसल, इस नए नियम के तहत, एच-1बी वीजा पाने की प्रक्रिया अब रैंडम ड्रॉ के माध्यम से नहीं होगी, बल्कि एक वेटेड सेलेक्शन सिस्टम के तहत होगी. इस प्रणाली में जिन उम्मीदवारों की सैलरी अधिक होगी, उन्हें अधिक अवसर मिलेगा. उदाहरण के लिए, जिनका वेतन उच्चतम वेतन स्तर (लेवल 4) में आता है, उन्हें चयन पूल में चार बार शामिल किया जाएगा. वहीं, न्यूनतम वेतन स्तर वाले उम्मीदवार केवल एक बार पूल में शामिल किए जाएंगे.

हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स पर होगा फोकस
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) द्वारा जारी प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि अब एच-1बी वीजा के लिए प्राथमिकता हाई स्किल और हाई पेड उम्मीदवारों को दी जाएगी. यह बदलाव अमेरिका की इमिग्रेशन नीति को ज्यादा दक्षता और गुणवत्ता की ओर ले जाने के लिए किया गया है.

कंपनियों पर भी पड़ेगा असर
अब अमेरिकी कंपनियों को कम वेतन वाले उम्मीदवारों की बजाय ज्यादा योग्य और महंगे विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करना होगा. यह बदलाव विशेष रूप से तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करेगा.

भारत पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव
एच-1बी वीजा के अधिकांश लाभार्थी भारतीय होते हैं, विशेषकर आईटी और इंजीनियरिंग सेक्टर से जुड़े हुए. इस प्रस्ताव के लागू होने पर उन भारतीय पेशेवरों को लाभ मिलेगा जिनकी योग्यता और सैलरी उच्च स्तर की है. वहीं, कम अनुभवी या कम वेतन पाने वाले उम्मीदवारों के लिए अमेरिका का रास्ता मुश्किल हो सकता है.

1 लाख डॉलर की आवेदन फीस का प्रस्ताव
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले यह भी प्रस्ताव दिया था कि प्रत्येक नए एच-1बी आवेदन पर $100,000 की फीस ली जाए. यह कदम भी विदेशी आवेदकों की संख्या को सीमित करने और केवल गंभीर और सक्षम उम्मीदवारों को ही वीजा देने की नीति का हिस्सा है.

नई प्रणाली से जुड़े विवाद और चर्चाएं
हालांकि, इस प्रस्ताव की आलोचना भी हो रही है. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह बदलाव विकासशील देशों के मध्यमवर्गीय पेशेवरों के अवसरों को सीमित कर सकता है. साथ ही यह नीति अमेरिका के ‘ओपन वर्कफोर्स’ सिद्धांत से भी कुछ हद तक विरोधाभासी मानी जा रही है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here