सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर आवारा कुत्ता मामला विशेष पीठ को सौंपा, कल होगी सुनवाई

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नई गठित तीन जजों की विशेष पीठ को सौंप दिया है, जो गुरुवार को सुनवाई करेगी. अदालत ने दिल्ली सरकार, एमसीडी, एनडीएमसी और एनसीआर के अन्य संबंधित निकायों को 5,000 कुत्तों के लिए छह से आठ सप्ताह में शेल्टर बनाने और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इन शेल्टरों में नसबंदी, टीकाकरण और देखभाल की व्यवस्था होगी और निगरानी के लिए सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे.

0
22
dog
dog

आवारा कुत्तों के बढ़ते विवाद और विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए इसे तीन जजों की विशेष पीठ को सौंप दिया है. अदालत ने साफ किया कि पहले आदेश देने वाले जज इस नई पीठ का हिस्सा नहीं होंगे. दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने और उनके लिए सुरक्षित व व्यवस्थित शेल्टर बनाने के लिए सभी संबंधित प्राधिकरणों को आठ सप्ताह की समय सीमा तय की गई है.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर स्वत: संज्ञान (सुओ मोटू) मामले की सुनवाई अब नई गठित तीन जजों की पीठ को सौंप दी. इस विशेष बेंच में जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया शामिल हैं. अदालत ने कहा कि पहले आदेश देने वाले जज इस नई पीठ का हिस्सा नहीं होंगे.

कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई

इस विशेष बेंच के सामने गुरुवार को चार मामले सूचीबद्ध हैं. इनमें सुओ मोटू मामला, वर्ष 2024 में दाखिल एक याचिका और आज ही दायर की गई एक नई जनहित याचिका शामिल है. इनमें से कुछ याचिकाएं आवारा कुत्तों को पकड़ने के खिलाफ हैं, जबकि कुछ उनके प्रबंधन और देखभाल की मांग करती हैं.

शेल्टर निर्माण का आदेश

अदालत ने दिल्ली सरकार, नगर निगम, एनडीएमसी और नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम व फरीदाबाद के संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि वे छह से आठ सप्ताह में 5,000 कुत्तों के लिए शेल्टर तैयार करें. इन शेल्टरों में पर्याप्त स्टाफ होना चाहिए, जो कुत्तों की नसबंदी, कृमिनाशन और टीकाकरण कर सके तथा उनकी देखभाल करे. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इन कुत्तों को सड़कों या कॉलोनियों में वापस नहीं छोड़ा जाएगा.

निगरानी और चरणबद्ध विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी शेल्टरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि किसी कुत्ते को छोड़ा या बाहर न ले जाया जा सके. अदालत ने इसे “प्रगतिशील प्रक्रिया” बताते हुए कहा कि शुरुआती चरण में 5,000 कुत्तों के लिए शेल्टर बनाए जाएं और समय के साथ क्षमता को बढ़ाया जाए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here