Chaitanyanand Saraswati controversy : वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च में पढ़ने वाली कई छात्राएं लंबे समय से चैतन्यानंद सरस्वती की प्रताड़नाओं का सामना कर रही थीं. संस्थान में फैकल्टी और प्रबंधन तक जब छात्राओं ने अपनी शिकायतें पहुंचाने की कोशिश की, तो उन्हें डराया-धमकाया गया और उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया. यह मानसिक उत्पीड़न इस हद तक बढ़ गया कि छात्राओं को मजबूर होकर भारतीय वायुसेना के यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम से जुड़ी एक महिला ग्रुप कैप्टन को सीधे ई-मेल भेजनी पड़ी.
छात्राओं की E-mail से हुआ मामले का खुलासा
आपको बता दें कि एक अगस्त को जब ग्रुप कैप्टन ने संस्थान प्रबंधन को इस शिकायत के बारे में अवगत कराया, तब जाकर मामला सार्वजनिक हुआ. इसके बाद संस्थान ने पीड़ित छात्राओं से बातचीत की और चैतन्यानंद के खिलाफ पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. पुलिस को दिए गए बयान और ग्रुप कैप्टन को भेजी गई ई-मेल में छात्राओं ने विस्तार से बताया कि किस तरह से चैतन्यानंद उन्हें मानसिक और शैक्षणिक दबाव में रखता था.
डर का माहौल और धमकियों का सिलसिला
छात्राओं ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद लगातार फेल करने, स्कॉलरशिप छीन लेने या संस्थान में जमा किए गए दस्तावेज न लौटाने की धमकी देकर उन्हें डराता था. विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाली छात्राएं उसकी टारगेट बनती थीं क्योंकि उसे पता था कि ये छात्राएं अपनी पढ़ाई और स्कॉलरशिप खोने के डर से चुप रहेंगी.
BMW कार से ऋषिकेश ले जाकर की अभद्रता
मार्च 2025 की एक घटना में चैतन्यानंद ने कुछ छात्राओं को अपनी नई BMW कार में ऋषिकेश ले गया. वहाँ वह एक आश्रम में ठहरा और वहां के घाटों पर छात्राओं को बुलाकर उनके साथ आपत्तिजनक हरकतें करने लगा. कई बार वह उन्हें रात में आपत्तिजनक मैसेज भेजता और अपने कमरे में बुलाता. छात्राओं ने इस व्यवहार की शिकायत संस्थान की फैकल्टी से की, लेकिन वहां से भी उन्हें न्याय नहीं मिला.
फैकल्टी की मिलीभगत और सबूत मिटाने का आरोप
छात्राओं का यह भी कहना है कि जब उन्होंने चैतन्यानंद द्वारा भेजे गए आपत्तिजनक मैसेज संस्थान की फैकल्टी को दिखाए, तो फैकल्टी ने उनसे वे सारे मैसेज डिलीट करवा दिए और उल्टा उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी और से यह बात की तो उनके लिए अच्छा नहीं होगा. इस तरह फैकल्टी द्वारा न सिर्फ आरोपों को दबाया गया, बल्कि प्रत्यक्ष रूप से आरोपी का बचाव भी किया गया.
मामला पुलिस जांच में, छात्राएं चाहती हैं न्याय
फिलहाल यह मामला पुलिस जांच के दायरे में है और कई छात्राओं ने अपने बयान दर्ज कराए हैं. छात्राएं अब चाहते हैं कि चैतन्यानंद सरस्वती और उससे जुड़े सभी दोषियों को सख्त सजा मिले और संस्थान में एक सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल स्थापित किया जाए. यह घटना केवल एक संस्थान की नहीं, बल्कि उन तमाम छात्राओं की आवाज़ है, जो डर और दबाव में अपनी शिक्षा पूरी कर रही हैं.