बांग्लादेश हिंसा मामले में शेख हसीना दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

0
9

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ जुलाई–अगस्त 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुए हिंसक दमन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में मामला तेजी से आगे बढ़ रहा है. न्यायाधिकरण ने उनके खिलाफ पांच प्रमुख आरोप तय किए हैं, जिनमें हत्या, यातना, आगजनी और घातक हथियारों के इस्तेमाल के आदेश शामिल हैं. कोर्ट ने शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई है.

हिंसा भड़काने और दमन का पहला आरोप

रिपोर्ट के अनुसार, पहले आरोप में कहा गया है कि हसीना ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के जरिए हत्या और यातना जैसी कार्रवाइयों को उकसाया और होने दिया. आरोपों के अनुसार, आंदोलनकारियों पर संगठित तरीके से हमले किए गए, जिससे बड़े पैमाने पर जनहानि हुई.

हेलीकॉप्टर और ड्रोन के इस्तेमाल का आदेश

दूसरे आरोप में दावा किया गया है कि हसीना ने छात्र प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए हेलीकॉप्टर, ड्रोन और आग्नेयास्त्रों के प्रयोग का आदेश दिया. ICT के एक न्यायाधीश ने अदालत में बताया कि यह आदेश कथित तौर पर दक्षिण ढाका नगर निगम के पूर्व मेयर के साथ हुई बातचीत में दिया गया.

छात्र अबू सईद की हत्या का मामला

तीसरे आरोप के अनुसार, बेगम रोकैया विश्वविद्यालय के पास हुए प्रदर्शन के दौरान अबू सईद नामक छात्र की मौत के लिए हसीना को जिम्मेदार ठहराया गया है. जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सईद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को कई बार बदलवाया गया और डॉक्टरों पर दबाव बनाया गया.

चंखरपुल में छह प्रदर्शनकारियों की मौत

चौथे मामले में ढाका के चंखरपुल इलाके में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी में मौत की बात कही गई है. रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई भी कथित तौर पर उच्च राजनीतिक आदेश पर की गई.

अशुलिया में छात्रों को जलाने का आरोप

सबसे भयावह पांचवें आरोप में कहा गया है कि अशुलिया में छह छात्रों को गोली मारने के बाद आग लगा दी गई. न्यायाधीशों ने कहा कि इनमें से पांच को मारे जाने के बाद जलाया गया, जबकि छठे को जिंदा जलाने की बात सामने आई है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह सब सरकारी तंत्र की मिलीभगत से हुआ. न्यायाधीश ने कहा कि नींद नहीं आई, लेकिन फैसला जरूरी था. सुनवाई में देरी होने पर ICT जज ने कहा कि भारी दबाव और लगातार चल रही कार्यवाही के चलते उन्हें बहुत कम नींद मिल पाई. उन्होंने बताया कि फैसला 453 पन्नों में विस्तृत रूप से तैयार किया गया है.

जुलाई–अगस्त की हिंसा

जजों ने बताया कि 2024 के विरोध प्रदर्शनों में लगभग 1,400 लोग मारे गए और करीब 24,000 घायल हुए. रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई, कई जगह हेलीकॉप्टरों से डराया गया और घायल लोगों को चिकित्सा सहायता से वंचित किया गया.

ढाका में तनाव

ICT के फैसले से पहले ढाका पुलिस ने आगजनी या हमले की कोशिश करने वालों पर देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया. अदालत के बाहर भारी सुरक्षा तैनात रही.

ढाका विश्वविद्यालय में फैसले का सीधा प्रसारण

ढाका विश्वविद्यालय के TSC इलाके में फैसले का लाइव प्रसारण देखते हुए भारी भीड़ जमा हो गई. DUCSU के नेताओं ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए बड़े पर्दे पर दिखाने की व्यवस्था की.

अधिकतम सजा की हकदार

ICT के न्यायाधीशों ने कहा कि पेश किए गए सबूत इतने मजबूत हैं कि हसीना पर लगे आरोप सिद्ध होते हैं. अदालत ने उनके नफरत भरे भाषणों, धमकियों और कथित आदेशों का हवाला देते हुए अधिकतम सजा की अनुशंसा की.

परिणाम और राजनीतिक असर

मामला अभी भी कानूनी प्रक्रिया से गुजर रहा है, लेकिन अदालत में पेश किए गए आरोप और गवाही बांग्लादेश की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहे हैं. आरोप सिद्ध होने पर देश के इतिहास में यह सबसे बड़ी कानूनी कार्रवाई साबित हो सकती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here