दिल्ली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति दो वर्षों तक खुद को दिल्ली पुलिस का सब-इंस्पेक्टर बताकर न केवल समाज में सम्मान अर्जित कर रहा था, बल्कि आर्थिक लाभ भी उठा रहा था. इस झूठ का पर्दाफाश तब हुआ जब वह कार में बैठा था और असली पुलिस वालों ने उससे पूछताछ की.
संदिग्ध हालत में कार में बैठा मिला शक्स
दरअसल, पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी की पहचान 36 वर्षीय लक्षपत सिंह नेगी के रूप में हुई है, जो रोहिणी का निवासी है. मौर्य एन्क्लेव थाना क्षेत्र की पुलिस पेट्रोलिंग टीम को पीतमपुरा इलाके में एक व्यक्ति कार में संदिग्ध अवस्था में बैठा मिला. शक के आधार पर जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने पहले टाल-मटोल की और फिर खुद को द्वारका के साइबर थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर बताया.
पहचान पत्र नहीं, मिली झूठी जानकारी
पुलिसकर्मियों को उसकी बातों पर शक हुआ और उसे थाने लाकर आगे की जांच की गई. पूछताछ में न तो वह कोई असली पुलिस पहचान पत्र दिखा सका और न ही उसका PIS (पर्सनल आइडेंटिफिकेशन सीरियल) नंबर सही निकला.
कार से मिले फर्जी ID कार्ड, वर्दी…
जब पुलिस ने उसकी कार की तलाशी ली तो चौंकाने वाली चीजें सामने आईं. वाहन से चार फर्जी पुलिस पहचान पत्र बरामद हुए, जिन पर उसकी तस्वीर पुलिस की वर्दी में थी — टोपी, नाम पट्टी, बैज आदि पूरी वर्दी में. इसके अलावा, पुलिस को एक बेरेट, एक पीक कैप, एक होल्स्टर (जिसमें खिलौने की पिस्तौल थी), ‘दिल्ली पुलिस’ लिखी फ्लोरोसेंट जैकेट, ऑनलाइन मंगाए गए दिल्ली पुलिस स्टिकर, कोर्ट समन, फाइल कवर, सजी हुए पुलिस अधिकारियों के बैज और आठ डेबिट/क्रेडिट कार्ड भी मिले. पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं.
पेशे से अकाउंटेंट, बन गया फर्जी पुलिस अफसर
जांच में पता चला कि नेगी स्नातक है और पहले एक अकाउंटेंट के रूप में काम कर चुका है. पूछताछ में उसने बताया कि वह पिछले दो वर्षों से फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर घूम रहा था ताकि समाज में सम्मान और आर्थिक लाभ मिल सके.
कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं, लेकिन मामला दर्ज
पुलिस के अनुसार, लक्षपत सिंह नेगी का अब तक कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है. हालांकि, अब उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
फर्जी थाने और दूतावास का भंडाफोड़
दिल्ली में यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में नोएडा में एक पूरा फर्जी पुलिस थाना पकड़ा गया था. कुछ ही हफ्ते पहले वहां एक फर्जी दूतावास भी सामने आया था, जिससे फर्जीवाड़े के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई जा रही है.