India’s ‘swadeshi’ 4G network: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का असर अब टेलीकॉम सेक्टर में भी साफ दिखाई दे रहा है. लंबे इंतजार के बाद भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से 4जी नेटवर्क तैयार कर लिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से इस नेटवर्क की औपचारिक शुरुआत की.
अब तक भारत 2जी, 3जी और 4जी तकनीक के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर था, लेकिन अब देश ने खुद को इस निर्भरता से मुक्त कर लिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया के उन चुनिंदा पांच देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास अपनी खुद की 4जी तकनीक मौजूद है.
किन देशों के साथ खड़ा हुआ भारत?
भारत ने चीन, स्वीडन, दक्षिण कोरिया और डेनमार्क जैसे देशों की कतार में जगह बनाई है. कभी टेलीकॉम सेक्टर में आयात पर पूरी तरह निर्भर रहने वाला भारत अब न केवल अपने नागरिकों को स्वदेशी तकनीक उपलब्ध करा रहा है, बल्कि जल्द ही अन्य देशों को भी 4जी नेटवर्क और उससे जुड़े उपकरणों का निर्यात करेगा.
स्वदेशी 4जी तकनीक में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर से लेकर हार्डवेयर तक सभी उपकरण भारत में ही निर्मित किए गए हैं. रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) को सी-डॉट से जुड़े तेजस नेटवर्क ने विकसित किया है, जबकि बाकी काम टीसीएस और BSNL ने मिलकर पूरा किया है.
PM मोदी ने किए 98,000 टावरों का शुभारंभ
लॉन्चिंग के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक साथ 98,000 नए 4जी टावरों का उद्घाटन किया. इसके जरिए अब देश के दो करोड़ से अधिक लोगों को सीधे तौर पर हाई-स्पीड इंटरनेट का लाभ मिलेगा. खासकर 30 हजार से ज्यादा ऐसे गांव, जहां अब तक इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंची थी, वहां भी अब 4जी सेवाएं उपलब्ध होंगी.
भारत सबसे तेज 5जी सेवा शुरू कर चुका है– PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया में सबसे तेज 5जी सेवा शुरू कर चुका है. बीएसएनएल के नए 4जी टावर इतने सक्षम हैं कि उन्हें 5जी सेवाओं के लिए आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है. अब भारत को 5जी तकनीक के लिए भी विदेशी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना होगा.
आदिवासी-ग्रामीण क्षेत्रों को होगा सबसे बड़ा लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वदेशी 4जी तकनीक का सबसे बड़ा फायदा आदिवासी इलाकों, दूर-दराज के गांवों और पहाड़ी क्षेत्रों को होगा. अब गांव के बच्चे आसानी से ऑनलाइन क्लास कर सकेंगे, किसान अपनी फसल की कीमत जान पाएंगे और मरीज टेलीमेडिसिन के जरिए बड़े डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे.
इसके अलावा, सीमा पर तैनात सैनिकों को भी सुरक्षित कनेक्टिविटी मिलेगी. पीएम मोदी ने कहा कि अब हमारे फौजी भाई-बहन हिमालय की चोटियों पर हों या रेगिस्तान की तपती रेत में, वे आपस में सुरक्षित और तेज कनेक्टिविटी से जुड़े रहेंगे.