तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले की मनोनमनियम सुंदरनार यूनिवर्सिटी में एक घटना ने दीक्षांत समारोह का माहौल बदल दिया. पीएचडी की छात्रा जीन जोसेफ ने खुलेआम राज्यपाल आर.एन. रवि से अपनी डिग्री लेने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि राज्यपाल की नीतियां और कार्य तमिल हितों के खिलाफ रहे हैं. इस फैसले से सभागार में मौजूद लोग हैरान रह गए, जबकि सोशल मीडिया पर इसका वीडियो आग की तरह फैल रहा है.
दीक्षांत समारोह के दौरान जब जीन जोसेफ को डिग्री लेने के लिए बुलाया गया, तो उन्होंने मंच पर पहुंचकर राज्यपाल के बजाय कुलपति एम. चंद्रशेखर की ओर रुख किया. उन्होंने वहीं खड़े होकर कुलपति से डिग्री ली और यह संदेश दिया कि वह राज्यपाल के कामकाज से असहमत हैं. इस तरह का विरोध सार्वजनिक समारोह में शायद ही पहले कभी देखने को मिला हो.
तमिल भाषा और संस्कृति के खिलाफ काम का आरोप
जीन जोसेफ ने कहा कि राज्यपाल आर.एन. रवि ने कई मौकों पर तमिल भाषा और संस्कृति के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रुख अपनाया है। उनका मानना है कि राज्यपाल का यह रवैया न केवल तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि उनकी पहचान और विरासत को भी नुकसान पहुंचाता है। यह विरोध उनके लिए अपनी असहमति दर्ज कराने का सबसे सशक्त तरीका था।
पहले भी विवादों में रहे हैं राज्यपाल
राज्यपाल आर.एन. रवि 2021 में तमिलनाडु के राज्यपाल बने थे और तब से कई विवादों में घिरे रहे हैं. इस साल अप्रैल में उन्होंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज कार्यक्रम में छात्रों से “जय श्री राम” का नारा लगवाया था, जिसके बाद कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने उन पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.
सरकार से लगातार टकराव
राज्यपाल और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सरकार के बीच लंबे समय से टकराव जारी है. 2023 में राज्यपाल ने विधानसभा द्वारा पारित 12 में से 10 बिल बिना कारण बताए वापस लौटा दिए और बाकी दो राष्ट्रपति के पास भेज दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 8 अप्रैल को इन 10 बिलों को रोकना अवैध करार दिया, जिससे राज्यपाल पर और भी दबाव बढ़ गया.