BJP में शामिल हुए मुंगेर कैंडिडेट संजय सिंह, बिहार चुनाव से पहले प्रशांत किशोर को लगा बड़ा झटका

बिहार विधानसभा चुनाव के एक दिन पहले मुंगरे सीट से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार संजय सिंह ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इस कदम ने जन सुराज के लिए राजनीतिक संकट पैदा किया है.

0
20
Prashant Kishor
Prashant Kishor

मुंगेर : बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं. पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को मतदान किया जाएगा. इसी बीच मुंगरे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार संजय सिंह ने चुनाव से मात्र एक दिन पहले बड़ी राजनीतिक हलचल पैदा कर दी. उन्होंने अपनी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया और बीजेपी प्रत्याशी कुमार प्रणय के साथ शामिल हो गए.

BJP प्रत्याशी ने दिलाई पार्टी की सदस्यता 
संजय सिंह की इस अचानक पार्टी बदलने की घोषणा ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है. मुंगरे विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी कुमार प्रणय ने संजय सिंह को पार्टी की सदस्यता दिलाई और उन्हें अपनी ओर खड़ा कर दिया. इस कदम ने न केवल जन सुराज पार्टी की स्थिति को कमजोर किया, बल्कि बिहार चुनाव में विपक्षी गठबंधन के लिए भी रणनीतिक चुनौती खड़ी कर दी है.

संजय सिंह का पार्टी बदलना चिंता का विषय
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है. हालांकि, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनाव में अहम भूमिका निभा रही है. लेकिन मुंगरे से संजय सिंह द्वारा चुनाव से ठीक पहले पार्टी बदलना जन सुराज के लिए चिंता का विषय बन सकता है. इस तरह के राजनीतिक व्यवहार से पार्टी के मतदाताओं में असंतोष पैदा होने की संभावना रहती है.

अब जन सुराज कैसे करती है सामना 
चुनावों के दौरान नेताओं द्वारा पार्टी बदलना आम बात है, लेकिन वोटिंग से केवल एक दिन पहले ऐसा करना राजनीतिक रणनीति और नैतिकता दोनों पर सवाल खड़े करता है. संजय सिंह के इस कदम से मुंगरे विधानसभा में चुनाव की दिशा प्रभावित हो सकती है. प्रशांत किशोर, जो कि चुनावी रणनीति के मामले में देश के सबसे कुशल रणनीतिकारों में से एक हैं, अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाए हैं. यह देखना बाकी है कि अंतिम समय में जन सुराज पार्टी इस राजनीतिक चुनौती का सामना कैसे करती है और अपने उम्मीदवारों को किस तरह संभालती है.

इस घटनाक्रम ने बिहार चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है और दर्शाया कि अंतिम समय में भी राजनीतिक घटनाएं चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं. ऐसे समय में जनता और समर्थक भी इस तरह की घटनाओं पर गहन नजर रख रहे हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here