पंजाब : पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकारी ज़मीनों को विकास की दिशा में इस्तेमाल करने का कार्य जोरशोर से जारी है. वर्षों से धूल फांकती, बेज़ार पड़ी और भू-माफिया के कब्जे में रही ये संपत्तियाँ अब जनता के लाभ के लिए लौटाई जा रही हैं. यह सिर्फ़ ज़मीन का पुनः उपयोग नहीं, बल्कि सरकार की ईमानदारी और विकास की प्राथमिकताओं का प्रतीक है.
दशकों से निष्क्रिय पड़ी सरकारी संपत्तियां
आपको बता दें कि PUDA, GLADA और अन्य विभागों की कई ज़मीनें दशकों तक निष्क्रिय पड़ी रहीं. पिछली सरकारों ने इन संपत्तियों का सही उपयोग नहीं किया और कई जगहों पर अप्रत्यक्ष कब्ज़ा या गलत इस्तेमाल की स्थितियाँ बनी रहीं. इस कारण राज्य की प्रगति वर्षों तक बाधित रही. मान सरकार ने इस दशकों पुराने गतिरोध को तोड़ते हुए निर्णायक कदम उठाया है और जनता के हित में संसाधनों का सक्रिय उपयोग शुरू किया है.
विकास-उन्मुख परियोजनाएं
सरकार के इस कदम के तहत खाली पड़ी ज़मीनों को बड़े और लाभकारी प्रोजेक्ट्स में लगाया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर, बुढलाडा में PUDA कॉलोनी की खाली ज़मीन पर आधुनिक और बड़ी मंडी का निर्माण किया जा रहा है, जो स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी. इसी तरह, लुधियाना में PunAgro की बेकार ज़मीन पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर बनाकर निवेश और व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा. यह दिखाता है कि सरकार ने संसाधनों का इस्तेमाल सिर्फ़ राजनीतिक कारणों से नहीं, बल्कि जनता की भलाई के लिए करना शुरू किया है.
पहल ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी
इस पहल ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. सरकार इसे तेज़ विकास और ईमानदारी का प्रमाण बता रही है, जबकि विरोधी दल आपत्तियाँ उठा रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि विरोध करने वाले असल में पुराने सिस्टम के संरक्षक हैं, जिन्होंने इन जमीनों को वर्षों तक निष्क्रिय रखा. मान सरकार का स्पष्ट संदेश है कि अब ठहराव और रुकावट की राजनीति नहीं चलेगी. हर संसाधन का पहला हक़ अब आम जनता का होगा, न कि किसी भ्रष्ट वर्ग का.
यह कदम न केवल पंजाब की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह साफ संदेश देता है कि सरकार ने विकास और जनता के अधिकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. मान सरकार की यह नीति आने वाले वर्षों में राज्य को नई दिशा और तेज़ गति देगी.













