IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को दिल्ली HC से मिली बड़ी राहत, प्रमोशन पर लगाई मुहर… खारिज की केंद्र सरकार की याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट ने IRS अधिकारी और पूर्व एनसीबी जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के प्रमोशन में यूपीएससी की सिफारिश जांचने और प्रमोशन देने का निर्देश दिया है. उनके खिलाफ जांचें जारी हैं, लेकिन कोई आरोपपत्र नहीं है. वानखेड़े 2021 में आर्यन खान मामले में चर्चा में आए थे. कोर्ट ने कहा बिना दोष सिद्धि के प्रमोशन रोका नहीं जा सकता. यह आदेश सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण है.

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Samir Wankhede Promotion
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Samir Wankhede Promotion : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी और पूर्व एनसीबी जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के प्रमोशन से संबंधित यूपीएससी की सिफारिश की जांच करे. यदि यूपीएससी ने उनके नाम की सिफारिश की है, तो उन्हें पदोन्नत किया जाना चाहिए. न्यायाधीश नवीन चावला और मधु जैन की बेंच ने कहा कि समीर वानखेड़े ने अपने खिलाफ किसी भी दोष को स्वीकार नहीं किया है, जबकि उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांचें अभी भी चल रही हैं.

HC ने कैट के फैसले को ध्यान में रखा…
हाईकोर्ट ने यह आदेश केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के दिसंबर 2024 के फैसले को बनाए रखते हुए दिया, जिसमें सरकार को वानखेड़े के प्रमोशन से जुड़े सीलबंद लिफाफे को खोलने और यदि यूपीएससी ने उन्हें पदोन्नति की सिफारिश की हो तो 1 जनवरी 2021 से अतिरिक्त आयुक्त पद पर पदोन्नत करने का निर्देश दिया गया था. सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि वानखेड़े के मामले को गंभीर आरोपों के कारण सीलबंद रखा गया है, लेकिन कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वानखेड़े के खिलाफ फिलहाल कोई ऐसा विभागीय मामला नहीं है जिसमें आरोपपत्र दाखिल किया गया हो.

वानखेड़े न तो निलंबित है और न ही…
सरकार ने कैट के आदेश को चुनौती दी थी, यह तर्क देते हुए कि वानखेड़े पर गंभीर आरोप हैं और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज है. साथ ही, सीवीसी ने भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि वानखेड़े को न तो निलंबित किया गया है और न ही उनके खिलाफ किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दाखिल हुई है.

2008 बैच के IRS अधिकारी हैं समीर वानखेड़े
समीर वानखेड़े 2008 बैच के IRS अधिकारी हैं, जो 2021 में एनसीबी मुंबई में तैनात थे. वे उस समय चर्चा में आए थे जब क्रूज ड्रग्स मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को फंसाने की धमकी देकर उनके परिवार से 25 करोड़ रुपये मांगने के आरोप लगे थे. इस मामले ने उन्हें मीडिया और आम जनता के बीच खासा ध्यान दिलाया.

प्रमोशन से वंचित नहीं रखा जा सकता 
यह आदेश सरकार और समीर वानखेड़े के बीच चल रही कानूनी लड़ाई में एक अहम मोड़ है. हाईकोर्ट ने साफ किया है कि बिना किसी दोष सिद्धि के अधिकारी को प्रमोशन से वंचित नहीं किया जा सकता. इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता के महत्व को भी रेखांकित किया गया है. समीर वानखेड़े का मामला इस बात की मिसाल है कि आरोपों की जांच के दौरान भी अधिकारी को उसके अधिकार प्राप्त होने चाहिए, जब तक कि आरोप साबित न हो जाएं. यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों में एक मिसाल बन सकता है जहां अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही हो लेकिन उन्हें बिना कारण पदोन्नति से रोका गया हो.

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