Madhya Pradesh Weather: मध्यप्रदेश में इस साल अब तक मानसून के दौरान औसतन 29.7 इंच बारिश हुई है, जो सामान्य वर्षा का करीब 79% है. हालांकि, इंदौर-उज्जैन संभाग में सूखे जैसे हालात बन गए हैं, जिससे सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ है. भोपाल सहित कई जिलों में पिछले 12 दिनों से बारिश कम हुई है, जबकि जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में स्थिति बेहतर है.
बुधवार सुबह दमोह में करीब 4 बजे से 8 बजे तक लगातार बारिश हुई, जिससे घने बादलों के कारण सुबह अंधेरा छाया रहा. नरसिंहपुरम के पिपरिया में एक घंटे तक बारिश हुई, जबकि इटारसी में सुबह 8 बजे के बाद हल्की फुहारें पड़ीं. मौसम विभाग का कहना है कि 15 अगस्त से एक मजबूत मौसम प्रणाली सक्रिय है, जो पूरे राज्य में भारी बारिश ला सकती है.
भारी बारिश का अलर्ट जारी
आज मौसम विभाग ने सीहोर, हरदा, रायसेन, नरसिंहपुरम, होशंगाबाद, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुरना, सिवनी, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में अगले 24 घंटों में 4.5 इंच तक बारिश हो सकती है. मंगलवार को उमरिया में ढाई इंच से अधिक, जबकि ग्वालियर और सीधी में आधा इंच बारिश दर्ज हुई. इंदौर, पचमढ़ी, बालाघाट, सागर, रीवा, मंडला, डिंडोरी, सिवनी, मैहर और दमोह में भी हल्की बारिश हुई.
सामान्य बारिश का औसत
मध्यप्रदेश में सामान्य बारिश का औसत 37 इंच है, जबकि अभी तक 29.7 इंच ही दर्ज हुई है, यानी राज्य में औसत से करीब 7.3 इंच कम बारिश हुई है.
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, वर्तमान में ट्रफ और चक्रवाती परिसंचरण प्रणाली सक्रिय है. 13 अगस्त से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण प्रणाली के सक्रिय होने की संभावना है. यह प्रणाली अगले 24 घंटों में और स्पष्ट होगी, जिससे राज्य में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी.