ICICI Bank minimum balance 2025: ICICI बैंक ने अपने शहरी इलाकों के नए ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत बैलेंस (MAB) की लिमिट में बड़ा बदलाव किया है. अब यह सीमा ₹50,000 से घटाकर ₹15,000 कर दी गई है. यह निर्णय ग्राहकों की भारी नाराजगी और आलोचना के बाद लिया गया, क्योंकि इससे पहले बैंक ने इस लिमिट को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया था. हालांकि, नई लिमिट अब भी पुरानी से ₹5,000 ज्यादा है. इस बदलाव ने बैंक के ग्राहकों के बीच राहत की भावना को जन्म दिया है.
सेमी-अर्बन और ग्रामीण इलाकों में भी राहत
सेमी-अर्बन इलाकों के नए ग्राहकों के लिए भी मिनिमम बैलेंस की सीमा को घटाकर ₹7,500 कर दिया गया है, जबकि पहले यह ₹25,000 थी. ग्रामीण इलाकों के ग्राहकों के लिए यह सीमा ₹5,000 ही रहेगी, जो पहले की तरह अपरिवर्तित है. बैंक ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव सिर्फ नई खाता खोलने वालों पर लागू होगा, जबकि पुराने खातों पर वही पुरानी लिमिट लागू रहेगी.
ICICI बैंक का कदम अन्य बैंकों से अलग
ICICI बैंक का यह कदम अन्य बैंकों के नियमों से अलग है. एसबीआई जैसे प्रमुख बैंक ने 2020 में मिनिमम बैलेंस नियम खत्म कर दिए थे. वहीं, अधिकांश बैंक ₹2,000 से ₹10,000 तक की न्यूनतम बैलेंस लिमिट रखते हैं, जबकि ICICI ने पहले ₹50,000 की लिमिट बढ़ाकर ग्राहकों के बीच असंतोष बढ़ा दिया था. अब इसकी वापसी से ग्राहकों ने थोड़ी राहत महसूस की है.
मिनिमम बैलेंस के बदलाव के कारण
इससे पहले, ICICI बैंक ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए, सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस की सीमा को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया था. यह बदलाव 1 अगस्त, 2025 से लागू होने वाला था. लेकिन इसके बाद ग्राहकों ने इसका विरोध शुरू किया, जिससे बैंक को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा और नए नियमों की वापसी करनी पड़ी.
कब से लागू होंगे नए नियम?
यह घटाई गई मिनिमम बैलेंस लिमिट 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी, और इस परिवर्तन का लाभ सिर्फ उन ग्राहकों को मिलेगा जो अब से नया खाता खोलेंगे. वहीं, सैलरी अकाउंट्स, वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनरों के खातों पर यह नियम लागू नहीं होगा. बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि 31 जुलाई 2025 से पहले खोले गए खातों पर पुरानी नियमों का ही पालन किया जाएगा.
मिनिमम बैलेंस चार्ज की आवश्यकता
बैंक इस तरह के मिनिमम बैलेंस चार्ज इसलिए वसूलते हैं ताकि वे अपनी विभिन्न सुविधाओं का संचालन कर सकें. इनमें एटीएम, मोबाइल बैंकिंग, कस्टमर सपोर्ट, और अन्य डिजिटल सेवाओं की लागत शामिल होती है. इसके अलावा, कर्मचारियों का वेतन और अन्य प्रशासनिक खर्चे भी इन चार्जेस के माध्यम से कवर किए जाते हैं. इन खर्चों को पूरा करने के लिए बैंक समय-समय पर अपनी नीतियों में बदलाव करते हैं.
ग्राहकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम
ICICI बैंक का यह फैसला ग्राहकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह बैंक की नीति में लचीलापन लाने का संकेत है. ग्राहक अब महसूस कर सकते हैं कि बैंक उनके वित्तीय बोझ को हल्का करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, मिनिमम बैलेंस चार्जेज और बैंक की सेवाओं का खर्च भी जरूरी होता है, यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी समय में और क्या बदलाव होते हैं.