मूर्खों को मुहावरे समझ नहीं आते…अमित शाह पर टिप्पणी करने के बाद बोली TMC सांसद महुआ मोइत्रा

TMC सांसद महुआ मोइत्रा अपने विवादित बयान को लेकर घिर गई हैं. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि "सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए," जिस पर मामला दर्ज हुआ. सफाई में मोइत्रा ने कहा कि यह केवल एक मुहावरा था जिसका गलत अर्थ निकाला गया. उनका कहना है कि बंगाली भाषा में इसका मतलब जवाबदेही स्वीकार करना होता है, न कि हिंसा करना.

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Mahua Moitra controversy
Mahua Moitra controversy

Mahua Moitra controversy :TMC सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि “अमित शाह का सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए.” यह बयान अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने में नाकामी को लेकर दिया गया था. बयान के बाद छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया.

महुआ मोइत्रा ने दी ये सफाई…
विवाद बढ़ने के बाद महुआ मोइत्रा ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया है. यह महज एक मुहावरा था, जिसका गलत अर्थ निकाला गया. उन्होंने अंग्रेज़ी में कहा, “Idiots don’t understand idioms” यानी “मुर्ख लोग मुहावरों को नहीं समझते.” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव परिणामों पर विदेशी मीडिया ने लिखा था कि “heads will roll” जिसका मतलब जिम्मेदारी तय करना होता है, न कि सचमुच सिर काटना.

बंगाली मुहावरे पर बोली टीएमसी सांसद… 
वहीं, टीएमसी सांसद ने आगे कहा कि बंगाली भाषा में इस कहावत का अर्थ है कि इतनी शर्मिंदगी होना कि खुद ही आप अपना सिर झुका ले. उनका कहना था कि यह बयान केवल जवाबदेही तय करने के अर्थ में दिया गया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके बयान को शाब्दिक अर्थों में नहीं लेना चाहिए.

सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए
आपको बता दें कि मोइत्रा ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह को “सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए,” क्योंकि वह अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ रोकने में विफल रहे हैं. जिसके बाद इस बयान को लेकर देशभर में राजनीतिक हलचल मच गई और उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया.

विवाद और राजनीतिक प्रतिक्रिया
मोइत्रा के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. बीजेपी नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया, वहीं टीएमसी ने इसे महज एक गलतफहमी करार दिया. फिलहाल, मामला दर्ज हो चुका है और यह देखना बाकी है कि कानूनी कार्रवाई किस दिशा में जाती है.

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