बिहार चुनाव में हेलीकॉप्टरों से होगा प्रचार, रैलियों के लिए अब तक 21 बुक… जानिए किस पार्टी के कितने ?

बिहार चुनावों में हेलीकॉप्टरों का उपयोग बढ़ चुका है, जिससे नेताओं को कई जनसभाएं एक ही दिन में आयोजित करने में मदद मिलती है. इस बार 21 हेलीकॉप्टर बुक किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश एनडीए के होंगे. हेलीकॉप्टर प्रचार का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं, क्योंकि इससे प्रचार में गति और प्रभाव आता है. किराए में वृद्धि के बावजूद नेताओं ने इसका भरपूर इस्तेमाल किया है.

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Bihar Elections Helicopter Bookings
Bihar Elections Helicopter Bookings

Bihar Elections Helicopter Bookings: बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान हेलीकॉप्टरों का उपयोग एक खास तरह की राजनीति का हिस्सा बन चुका है. ये हेलीकॉप्टर अब सिर्फ एक साधन नहीं रहे, बल्कि चुनावी प्रचार का अहम हिस्सा बन गए हैं. पहले इन्हें केवल चुनावी माहौल बनाने के लिए प्रयोग किया जाता था, लेकिन अब यह एक समय बचाने का साधन बन चुके हैं. हेलीकॉप्टरों के माध्यम से नेता एक दिन में कई स्थानों पर जनसभाएं कर सकते हैं, जो सड़क मार्ग से संभव नहीं हो पातीं.

बुकिंग और राजनीतिक दलों की योजना
आपको बता दें कि इस बार के चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा हेलीकॉप्टरों की बुकिंग में काफी वृद्धि देखी जा रही है. 21 हेलीकॉप्टरों की बुकिंग की गई है, जिनमें से अधिकांश एनडीए के पास होंगे. एनडीए के पास लगभग 15 हेलीकॉप्टर हैं, जिसमें भाजपा के 12, जदयू के 2 और लोजपा (रामविलास) का एक हेलीकॉप्टर शामिल है. वहीं, महागठबंधन के दलों जैसे राजद और कांग्रेस ने भी दो-दो हेलीकॉप्टर बुक किए हैं. इसके अलावा, वीआईपी और पप्पू यादव भी अपने-अपने हेलीकॉप्टर की बुकिंग करा रहे हैं.

हेलीकॉप्टरों का प्रभाव और प्रचार का तरीका
हेलीकॉप्टर से यात्रा करने का एक बड़ा लाभ यह है कि यह नेताओं का रूतबा भी बढ़ाता है. हेलीकॉप्टर में बैठकर नेता जब जनसभाओं में पहुंचते हैं तो यह आम लोगों के लिए कौतूहल का कारण बनता है. इससे जुड़े हुए हाशिये के लोग भी एक तरह से आत्मगौरव का अनुभव करते हैं, जैसे कि पहले लालू प्रसाद यादव ने इस तरीके से जनमत तैयार किया था. हालांकि, एनडीए के नेताओं का यह मानना है कि हेलीकॉप्टर केवल एक साधन है, जबकि महागठबंधन के नेताओं ने इसका उपयोग प्रचार में काफी बढ़-चढ़ कर किया है.

कोरोना के बाद हेलीकॉप्टरों का सीमित उपयोग
कोरोना महामारी के बाद 2020 में हेलीकॉप्टरों का उपयोग कुछ हद तक कम हो गया था. महामारी के दौरान चुनाव प्रचार के लिए कुछ सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिनके चलते हेलीकॉप्टरों की बुकिंग और उनका उपयोग कम हुआ. लेकिन 2020 के चुनाव में भी तेजस्वी यादव ने हेलीकॉप्टर की मदद से खूब प्रचार किया था, और एक दिन में उन्होंने 19 जनसभाएं की थीं, जो केवल हेलीकॉप्टर की सहायता से संभव हुआ.

हेलीकॉप्टरों के किराए और बुकिंग शर्तें
हेलीकॉप्टर की बुकिंग में वृद्धि के कारण, अब किराए में भी वृद्धि हो चुकी है. सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर का किराया प्रति घंटे लगभग सवा से डेढ़ लाख रुपये तक है, जबकि डबल इंजन हेलीकॉप्टर का किराया ढाई से तीन लाख रुपये प्रति घंटा होता है. इसके अलावा, 18 प्रतिशत जीएसटी भी इसमें शामिल होता है. बुकिंग के लिए कम से कम तीन घंटे का फ्लाइंग चार्ज देना होता है, चाहे हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहा हो या नहीं. इसके बाद प्रत्येक घंटे की अतिरिक्त उड़ान के लिए निर्धारित दर के हिसाब से भुगतान करना पड़ता है.

हेलीकॉप्टर की बुकिंग में बदलाव
पिछले चुनावों की तुलना में इस बार हेलीकॉप्टरों की बुकिंग काफी बढ़ गई है. 2015 में कुल 26 हेलीकॉप्टरों का उपयोग हुआ था, जबकि 2020 में 13 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया था. इस बार 2025 में हेलीकॉप्टरों की संख्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि बुकिंग का सिलसिला अब भी जारी है. यह दिखाता है कि बिहार चुनाव में हेलीकॉप्टरों का महत्व चुनावी प्रचार में कितना बढ़ चुका है.

हेलीकॉटर चुनाव प्रचार का अहम हिस्सा 
हेलीकॉप्टर चुनाव प्रचार का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं, जिनका उपयोग राजनीति के नेता समय बचाने और प्रचार को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए करते हैं. इससे न केवल चुनावी जनसभाओं की संख्या बढ़ती है, बल्कि यह जनता के बीच नेताओं के रूतबे को भी बढ़ाता है. इस बार हेलीकॉप्टरों का उपयोग बढ़ने से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार चुनावों में प्रचार की रफ्तार और प्रतिस्पर्धा का स्तर पहले से कहीं अधिक बढ़ चुका है.

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