Vote Theft Controversy: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोपों पर तीखा पलटवार किया है. दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस फर्जी वोटों की सफाई के लिए बनाए गए SIR सिस्टम का विरोध कर रही है, जबकि यह पक्के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए है.
अनुराग ठाकुर ने सवाल किया कि आखिर कांग्रेस भारत के वोटर्स का अपमान क्यों करना चाहती है. उन्होंने कहा कि जनता ने कई बार कांग्रेस को नकारा है, इसलिए अब पार्टी केवल अपने ‘घुसपैठिए वोटबैंक’ तक सीमित रहना चाहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि हार कांग्रेस की होती है, लेकिन इल्जाम चुनाव आयोग और बीजेपी पर लगाए जाते हैं.
संविधान को लेकर भ्रम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने संविधान को लेकर भ्रम फैलाया और अब फिर से झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पर चुनाव के लिए मुद्दों की कमी का भी आरोप लगाया.
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप
अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर रायबरेली, वायनाड और पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर जैसे क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि रायबरेली के मोहम्मद कैफ खान, बूथ नंबर 83, 151 और 218 में एक ही नाम कई बार दर्ज है. हाउस नंबर 189, पोलिंग 131 में 47 वोटर आईडी रजिस्टर हुई हैं. इसी तरह, बंगाल के डायमंड हार्बर में एक ही घर में कई धर्मों के वोटर्स दर्ज हैं.
एक ही घर पर 47 वोटर्स
उन्होंने सवाल किया कि रायबरेली में एक ही घर पर 47 वोटर्स कैसे दर्ज हुए, जबकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया. वायनाड में नए वोटर्स की संख्या पर भी उन्होंने सवाल उठाया और कहा कि राहुल गांधी ने तीन बार वहां से वोट लिया है, लेकिन यह नहीं देखा कि नए वोटर्स कैसे जुड़े.
अनुराग ठाकुर ने लगाया आरोप
अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने ही दलित नेता को पार्टी से निकाल दिया. उन्होंने कहा कि केवल सच्चे भारतीयों और पक्के नागरिकों को ही वोट का अधिकार होना चाहिए. रायबरेली में कई लोग 3-4 बूथों पर वोट डालते हैं और डायमंड हार्बर में खुर्शीद आलम का नाम बार-बार लिस्ट में आता है, जबकि उनके पिता का नाम हर बार अलग दर्ज होता है. उन्होंने चुनौती दी कि यदि ये आरोप सही हैं तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इस्तीफा दें.