RahuI Gandhi Speech : लोकसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने और मौन हो जाने को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए. वह INDIA गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, “जिस दिन उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया, वेणुगोपाल जी ने मुझे फोन करके बताया कि उपराष्ट्रपति चले गए. यह कोई साधारण बात नहीं थी.” उन्होंने यह भी जोड़ा, “क्या वह एक शब्द भी नहीं बोल सकते? जो व्यक्ति राज्यसभा में खुलकर बोलता था, वह अब पूरी तरह से खामोश क्यों हो गया है?”
नए विधेयक पर बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए उस विवादास्पद विधेयक पर भी जोरदार हमला बोला, जिसमें प्रावधान है कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आरोपों में 30 दिनों से ज्यादा न्यायिक हिरासत में रहता है, तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा. राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी जो नया कानून ला रही है, उससे हम मध्ययुग की ओर लौट रहे हैं. उस दौर में राजा जिसे चाहे हटा देता था. अगर किसी नेता का चेहरा उन्हें पसंद नहीं आया, तो ईडी को आदेश देकर मामला दर्ज करवा दिया जाएगा और लोकतांत्रिक रूप से चुना गया नेता 30 दिनों में ही खत्म कर दिया जाएगा.”
सुदर्शन रेड्डी को बताया संविधान का संरक्षक
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने बी. सुदर्शन रेड्डी की जमकर तारीफ की और उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बताया जो हमेशा संविधान को प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने कहा, “रेड्डी जी ने जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर काफी काम किया है. उन्होंने मुझे बताया कि वह पिछले 52 वर्षों से संविधान की एक प्रति हमेशा अपने पास रखते हैं, क्योंकि उनके लिए यही सर्वोच्च कानून है.” राहुल ने यह भी जोड़ा कि हर विपक्षी पार्टी ने उनका समर्थन किया है, जो यह दर्शाता है कि यह लड़ाई संविधान की रक्षा करने वालों और उस पर हमला करने वालों के बीच है.
इस्तीफे के पीछे की कहानी बनी रहस्य
राहुल गांधी ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर भी सवाल उठाए और कहा, “उनके इस्तीफे के पीछे कुछ ऐसी बात है, जिसे कुछ लोग जानते हैं और कुछ नहीं. सवाल यह है कि वह क्यों छिपे हुए हैं? भारत के उपराष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहा व्यक्ति ऐसी स्थिति में क्यों पहुंचा है कि वह एक शब्द भी नहीं बोल पा रहा है?”
कब और क्यों धनखड़ ने दिया इस्तीफा ?
गौरतलब है कि 21 जुलाई 2025 को मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि तब से लेकर अब तक उन्होंने इस फैसले पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, जिससे राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म है.
राहुल गांधी ने अपने भाषण में सरकार पर निशाना साधते हुए संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प दोहराया. उन्होंने न केवल धनखड़ की चुप्पी को लेकर सवाल खड़े किए बल्कि नए विधेयक की आलोचना करते हुए लोकतंत्र पर खतरे की भी चेतावनी दी.